Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Latest News : खेती में बदलाव की पहल, तिलहनी उत्पादन से समस्तीपुर के किसानों की बढ़ेगी कमाई

    By Prakash Kumar Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Tue, 23 Dec 2025 08:37 PM (IST)

    Samastipur news : समस्तीपुर में राष्ट्रीय खाद्य तेल-तिलहन मिशन के तहत तिलहनी फसलों की उन्नत खेती पर दो दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हुआ। जिला कृषि पदाधिकारी ...और पढ़ें

    Hero Image

    संयुक्त कृषि भवन कार्यालय में तिलहनी फसल पर जानकारी देते अधिकारी। जागरण

    जागरण संवाददाता, समस्तीपुर । Samastipur Latest News : संयुक्त कृषि भवन कार्यालय स्थित सभागार में राष्ट्रीय खाद्य तेल-तिलहन मिशन अंतर्गत तिलहनी फसलों की उन्नत खेती विषय पर मंगलवार को दो दिवसीय प्रशिक्षण की शुरुआत हुई।

    कार्यक्रम का उद्घाटन जिला कृषि पदाधिकारी डा. सुमित सौरभ, सहायक निदेशक (शष्य) सह प्रक्षेत्र पदाधिकारी संतोष कुमार, आत्मा के उप परियोजना निदेशक गंगेश कुमार चौधरी एवं कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली के विज्ञानी डा. सुमित कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रशिक्षण तिलहनी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के उद्देश्य से दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के विभिन्न प्रखंडों से चयनित कुल 30 किसानों ने भाग लिया।

    जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि धान, गेहूं व मक्का का बेहतर उत्पादन हुआ हैं। अब अगला लक्ष्य तिलहन उत्पादन को बढ़ाना है ताकि किसानों की आमदनी में इजाफा हो सके। इससे राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था और मजबूत बनेगी। उन्होंने कहा कि उन्नत किस्म के बीज और गहन खेती के जरिये इन फसलों की उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है।

    प्रशिक्षण के दौरान किसानों ने अपनी समस्याएं रखीं, जिनका समाधान कृषि विशेषज्ञों द्वारा किया गया। जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों से किसानों में जागरूकता बढ़ेगी और जिले में तिलहनी फसलों का रकबा व उत्पादन दोनों में वृद्धि होगी। कार्यक्रम के सफल आयोजन से किसानों में उत्साह देखा गया।

    तिलहन की खेती पर कृषि विभाग का विशेष ध्यान

    आत्मा के उप परियोजना निदेशक गंगेश कुमार चौधरी ने कहा कि कार्यक्रम में तिलहनी फसलों में लगने वाले प्रमुख रोगों एवं कीटों की पहचान तथा उनके समुचित नियंत्रण के उपायों पर भी चर्चा की गई।

    किसानों को जैविक खेती, फसल चक्र अपनाने, हरी खाद एवं जैव उर्वरकों के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने की सलाह दी गई। सरकार द्वारा तिलहनी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बीज अनुदान, प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं।

    तिलहनी फसलों की वैज्ञानिक खेती की दी गई जानकारी 

    प्रशिक्षण के दौरान वैज्ञानिक डा. सुमित ने सरसों, तीसी, सूरजमुखी, मूंगफली एवं अन्य तिलहनी फसलों की वैज्ञानिक खेती पर विस्तार से जानकारी दी। किसानों को उन्नत एवं संकर बीजों के चयन, खेत की तैयारी, समय पर बुआई, संतुलित उर्वरक प्रबंधन, सिंचाई व्यवस्था तथा आधुनिक कृषि यंत्रों के प्रयोग के बारे में बताया गया।

    कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि तिलहनी फसलें कम लागत और कम पानी में अधिक लाभ देने वाली फसलें हैं, बशर्ते इन्हें वैज्ञानिक पद्धति से उगाया जाए।