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    बिहार में दाखिल-खारिज की समस्या: आवेदनों का ससमय निष्पादन नहीं, लोगों को परेशानी

    By Vinay Bhushan Edited By: Ajit kumar
    Updated: Fri, 12 Dec 2025 06:48 PM (IST)

    बिहार में दाखिल-खारिज की समस्या लगातार बनी हुई है, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आवेदनों का समय पर निष्पादन नहीं होने के कारण ...और पढ़ें

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    एक वर्ष बाद आवेदन अस्वीकृत करने के मामले हो चुके उजागर। फाइल फोटो

    विनय भूषण, विभूतिपुर (समस्तीपुर)। Bihar News: सरकार द्वारा दाखिल खारिज के वादों को समय सीमा के अंदर निष्पादन का निर्देश दिया गया था ताकि, आवेदकों को इसके लिए ज्यादा परेशानी ना झेलनी पड़े।

    जिला स्तर के अधिकारियों ने अंचल अधिकारियों को राजस्व कार्यों में विशेषकर दाखिल-खारिज के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने का निर्देश दिया था। इन निर्देशों के बावजूद आवेदनों का निष्पादन कछुए की चाल से हो रही है।

    जिससे लंबित मामलों का प्रेशर बढ़ रहा। राजस्व कर्मचारियों के मनमानी का आलम यह है कि अपने क्षेत्र के आवेदकों को आज-कल बोलकर महीनों टाल रहे। आवेदनों के निष्पादन में देरी के कारण आवेदकों को न सिर्फ भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है बल्कि, उन्हें बार-बार अंचल कार्यालयों का चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

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    इनका आरोप है कि जो आवेदक विभागीय गाइडलाइन की बातें कहते या नजराना देने से मना करते तो उनका काम पेंडिंग में रखा जाता है। या फिर कोई न कोई बहाना बनाकर उनका आवेदन अस्वीकृत कर दिया जाता है। यूं कहें तो सरकारी मुलाजिमों की मनमानी के कारण इसका समुचित लाभ आवेदकों को नहीं मिल पा रहा है। अंचल में भूमि का दाखिल खारिज कराना मुश्किल भरा कार्य हो गया हैं।

    विभागीय लापरवाही से जमीन मालिकों को जमीन का दाखिल-खारिज कराने को लेकर अंचल कार्यालय और हलका कर्मचारी के निजी कार्यालय का चक्कर लगाने की परंपरा से रैयतदारों का आर्थिक दोहन से भी इंकार नही किया जा सकता है।

    आमलोगों को अपने जमीन का म्यूटेशन के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है। आनलाइन दाखिल खारिज सिस्टम भी नकारा साबित होने लगा हैं। इस व्यवस्था में लोगों की परेशानी दूर होने की बजाय बढ़ती जा रही हैं। जमीन खरीद बिक्री करने वाले लोगों को दाखिल खारिज समय पर नहीं होने से काफी परेशानी झेलनी पड़ी है।

    कई आवेदकों की मानें तो आनलाइन म्यूटेशन के लिए आवेदन करने के बाद भी अभी तक म्यूटेशन कार्य नहीं होने से बैंक संबधित लोन लेने के अलावा भी कई कार्य दाखिल खारिज नहीं होने के कारण रुके हुए हैं। जबकि, जल्दी कार्य कराने के चक्कर में ऐसे लोग दलाल के दोहन के शिकार भी हो रहे हैं। नाम ना छापने के शर्त पर एक राजस्व कर्मचारी ने बताया दाखिल-खारिज आदि का रिपोर्ट करते समय व्यवहार पालन की जिम्मेदारी उन्हीं पर होती है।

    अंचल क्षेत्र और दाखिल-खारिज की स्थिति 

    कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक दाखिल-खारिज की आनलाइन प्रक्रिया के बाद से अब तक कुल 30 हजार 403 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिसमें 20 हजार 354 स्वीकृत और 9 हजार 568 अस्वीकृत समेत कुल 29 हजार 922 आवेदन निष्पादित हो चुके।

    जबकि, 481 आवेदन पेंडिंग की स्थिति में है। विगत एक नवम्बर से अब तक दाखिल-खारिज के वास्ते 420 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिसमें 130 स्वीकृत और शेष राजस्व कर्मचारी या फिर अंचलाधिकारी स्तर पर लंबित हैं। विगत 35 दिनों से अधिक समय से पैंडिंग आवेदनों की संख्या 158 बताई गई है। यह आपत्ति, स्थल निरीक्षण, पूर्व के अस्वीकृत को पुन: आवेदन करने या फिर विभिन्न जांच के अधीन है।

    परिमार्जन की स्थिति

    अंचल कार्यालय को प्राप्त परिमार्जन के आवेदनों में आनलाइन चढ़ाने के लिए अब तक कुल 1661 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिसमें 1300 निष्पादित, आवेदक को सुधार वास्ते रिवर्ट 176, सीओ लागिन में 33 और राजस्व कर्मचारी लागिन में 120 आवेदन लंबित हैं। विगत एक नवम्बर से अब तक परिमार्जन हेतु प्राप्त 176 आवेदनों में 110 का निष्पादन हो जाना बताया गया है।

     ई-मापी की स्थिति : आनलाइन सिस्टम से ई-मापी के लिए अब तक कुल 693 आवेदन कार्यालय को प्राप्त हुए हैं। जिसमें 196 अस्वीकृत हुए हैं। वहीं 482 को पेमेंट रिक्वेस्ट भेज दिया गया है। ई-मापी के लिए 324 का पेमेंट डन है। मापी डेट 321 का असाइन हो चुका है। लंबित 56 मामले हैं। पैंडिंग फोर एप्रुवल के 11 हैं। जबकि, 265 आवेदनों पर मापी कंप्लीट बताए गए हैं।

    भू-लगान की स्थिति : अंचल क्षेत्र से अब तक वित्तीय वर्ष 2025-26 में 27 लाख 91 हजार 390 रुपए का कलेक्शन हो चुका है। जिसमें विगत एक नवम्बर से अब तक के 3 लाख 42 हजार 490 रुपए कलेक्ट हुए हैं। राशि विभागीय गाइडलाइन के मुताबिक सरकार के खजाने में जमा हुए हैं।