Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    बिहार चुनाव 2025: रोसड़ा में महागठबंधन कमजोर, निर्दलीय उम्मीदवारों की चुनौती

    By Shambhu Nath Chaudhary Edited By: Ajit kumar
    Updated: Sat, 18 Oct 2025 03:35 PM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में रोसड़ा सीट पर भाकपा और जनसुराज के उम्मीदवारों द्वारा निर्दलीय नामांकन दाखिल करने से महागठबंधन में दरार आ गई है। कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार पहले से ही मैदान में हैं। भाकपा ने स्थानीय मांग को कारण बताया है, जबकि राजेश पासवान ने क्षेत्रवासियों के आग्रह पर चुनाव लड़ने की बात कही है।

    Hero Image

    राजद नेता तेजस्वी यादव। (तस्वीर: जागरण आर्काइव)

    संवाद सहयोगी, रोसड़ा (समस्तीपुर)। Bihar Assembly Election 2025: रोसड़ा विधानसभा से भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप में लक्ष्मण पासवान के नामांकन करते ही रोसड़ा में महागठबंधन में दरार स्पष्ट दिखने लगा है।

    जनसुराज से बागी बने राजेश पासवान ने भी निर्दल प्रत्याशी के रूप में नामजदगी का पर्चा दाखिल किया है। बताते चलें कि रोसड़ा विधान सभा सीट महागठबंधन में कांग्रेस के खाते में जाने के बाद पार्टी द्वारा अधिकृत प्रत्याशी ब्रजकिशोर रवि एक दिन पूर्व गुरुवार को ही अपना नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दूसरे दिन महागठबंधन के घटक दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से नामजदगी का पर्चा दाखिल होते ही राजनीतिक गलियारो में चर्चा तेज हो गई है।

    इस संबंध में भाकपा जिला सचिव सुरेन्द्र कुमार सिंह मुन्ना ने भाकपा को महागठबंधन शामिल रहने की हामी भरते हुए कहा कि क्षेत्र के लोगो द्वारा स्थानीय प्रत्याशी को मैदान में उतारने की मांग पर पार्टी से लक्ष्मण पासवान ने नामजदगी का पर्चा दाखिल किया है।

    वे पार्टी के नगर सचिव के साथ नगर परिषद के वार्ड 12 के पार्षद भी हैं। रोसड़ा विधानसभा से जनसुराज के दावेदार रहे राजेश पासवान ने भी अपना बागी तेवर दिखाते हुए शुक्रवार को निर्दल प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया है।

    उन्होंने भी क्षेत्रवासियों के आग्रह पर चुनावी मैदान में उतरना बताया है। बताते चलें कि गुरुवार को जनसुराज पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में रोहित कुमार अपनी उम्मीदवारी दर्ज करा चुके हैं।

    अनुमंडल कार्यालय के बाहर जुटे क्षेत्रवासियों की भीड़ के साथ ही राजनितिक गलियारों में भी उक्त चर्चा जारी है। कई राजनितिक पंडित इस पर समीक्षा व विवेचना करते हुए महागठबंधन के वरिष्ठ नेताओं के प्रयास से एकजुटता की संभावना भी जता रहे हैं।