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    50 संस्कृत विद्यालय होंगे प्लस टू में अपग्रेड, उप शास्त्री की पढ़ाई को मिली मंजूरी

    By Prakash Kumar Edited By: Ajit kumar
    Updated: Sun, 21 Dec 2025 02:56 PM (IST)

    बिहार राज्य संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मृत्युंजय झा ने कहा कि बिहार के 47 विद्यालयों को मॉडल विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा और 50 संस्कृत ...और पढ़ें

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    Bihar Sanskrit school upgrade news: बिहार में 50 संस्कृत उच्च विद्यालयों को प्लस टू में अपग्रेड किया जाएगा। प्रतीकात्मक फोटो 

    जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। Sanskrit Schools Bihar: बिहार में संस्कृत शिक्षा को नई दिशा देने की तैयारी शुरू हो गई है। बिहार राज्य संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मृत्युंजय झा ने शनिवार को समस्तीपुर पहुंचकर बताया कि राज्य के 50 संस्कृत उच्च विद्यालयों को प्लस टू स्तर पर अपग्रेड किया जाएगा। इन विद्यालयों में आगे चलकर उप शास्त्री पाठ्यक्रम की पढ़ाई कराई जाएगी।

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    उन्होंने बताया कि इसके अलावा 47 संस्कृत विद्यालयों का चयन मॉडल विद्यालय के रूप में विकास के लिए किया गया है। इन विद्यालयों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा, ताकि छात्रों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिल सके। संस्कृत विद्यालयों के समग्र विकास के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर विकास की रूपरेखा तैयार की गई है, जिसके लिए केंद्र सरकार से फंड भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

    बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि राज्य के सभी संस्कृत विद्यालयों को सर्व शिक्षा अभियान से जोड़ा जाएगा। साथ ही यहां मध्याह्न भोजन योजना, साइकिल योजना और पोशाक योजना भी लागू की जाएगी। छात्रों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी विद्यालय प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को सौंपी गई है।

    सिलेबस को किया जा रहा आधुनिक

    अध्यक्ष ने बताया कि करीब 27 वर्षों के बाद संस्कृत विद्यालयों के पाठ्यक्रम में संशोधन किया जा रहा है। नए सिलेबस में रामचरितमानस और श्रीमद्भागवत जैसे ग्रंथों को भी शामिल किया गया है। इसके साथ ही परीक्षा नियमावली में भी आवश्यक बदलाव किए जा रहे हैं।

    राज्य भर के संस्कृत विद्यालयों के जर्जर भवनों की सूची तैयार कर ली गई है। भवन निर्माण के लिए केंद्र सरकार को 1296 करोड़ रुपये का डीपीआर सौंपा गया है। स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

    ऐप से बनेगी छात्रों की उपस्थिति

    जिला सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में बोर्ड अध्यक्ष ने सभी संस्कृत विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के साथ विद्यालयों के विकास और मध्यमा परीक्षा 2026 को लेकर चर्चा की। उन्होंने बताया कि प्रत्येक विद्यालय का ऑडिट कराया जाएगा, ताकि आगामी योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।

    अब संस्कृत विद्यालयों में भी अन्य सरकारी विद्यालयों की तरह मोबाइल ऐप के माध्यम से छात्रों की उपस्थिति दर्ज की जाएगी। अध्यक्ष ने प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया कि विद्यालयों में समय पर पठन-पाठन संचालित हो और परिसर को संस्कारयुक्त एवं स्वच्छ रखा जाए। विद्यालयों में प्रार्थना संस्कृत में कराने, छात्रों को श्लोक व कविताओं का अभ्यास कराने तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए अभियान चलाने पर भी जोर दिया गया।

    इस अवसर पर जदयू जिलाध्यक्ष सह संस्कृत बोर्ड सदस्य डॉ. दुर्गेश राय, भाजपा उत्तरी जिलाध्यक्ष नीलम सहनी, दक्षिणी जिलाध्यक्ष शशिधर झा, हसनपुर विधायक राजकुमार राय, रोसड़ा विधायक वीरेंद्र कुमार पासवान सहित कई जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।