पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की पहचान के लिए होगा सर्वे, बनाई जाएगी हेल्प डेस्क
बिहार में शिक्षा विभाग ने पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की पहचान के लिए सर्वे कराने का फैसला किया है। इस सर्वे का मकसद स्कूल छोड़ चुके बच्चों का पता लगाना और उनकी मदद करना है। शिक्षा विभाग ऐसे बच्चों के लिए हेल्प डेस्क भी बनाएगा, ताकि उन्हें वापस स्कूल लाने और शिक्षा जारी रखने में सहायता मिल सके। विभाग का लक्ष्य है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।

राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक ने जारी किया निर्देश। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, समस्तीपुर।Bihar News: स्कूल से बाहर के 6 से 14 एवं 15-19 आयु वर्ग के बच्चों की पहचान के लिए शिक्षा विभाग की ओर से घर-घर सर्वेक्षण कराया जाएगा। राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक मयंक बड़बड़े ने इस आशय का निर्देश जारी किया है।
सर्वेक्षण के लिए निर्धारित प्रपत्र में स्कूल से बाहर के बच्चों की पहचान करने के लिए आंकड़ा एकत्रित किए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए घर-घर जाने के पूर्व प्रत्येक सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में एक हेल्प डेस्क का गठन भी किया जाएगा।
स्कूल से बाहर के बच्चों के संबंध में एकत्रित आंकड़ों की इंट्री प्रबंध पोर्टल पर की जाएगी। स्कूल से बाहर के बच्चों की पहचान के लिए एक सर्वेक्षण प्रपत्र विकसित किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत छह से 19 आयु वर्ग के सभी छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण व समावेशी शिक्षा प्रदान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
बच्चों की मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार 6-14 आयु वर्ग के सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार प्राप्त है। इसके बाद भी कई बच्चे अपने इस मौलिक अधिकार से वंचित रह जाते हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन नीति में विद्यालय से बाहर के बच्चों को चिह्नित करने के लिए हाउस होल्ड सर्वे की महत्ता पर जोर दिया गया है। सर्वेक्षण का उद्देश्य विद्यालय से बाहर के 6-14 आयु वर्ग के सभी बच्चों की पहचान करना व उन्हें उम्र सापेक्ष कक्षा में नामांकन कराना है। साथ ही 15-19 आयु वर्ग के वैसे बच्चों को भी चिह्नित करना है जो कुछ कारणों से 10वीं व 12वीं की शिक्षा पूरी नहीं कर सके हैं।
बता दें कि यह सर्वेक्षण प्रत्येक वर्ष किया जाता है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि कितने बच्चे पढ़ाई की सुविधा से वंचित हैं। ऐसे कितने बच्चे हैं जो काफी दिनों से स्कूल नहीं आ रहे हैं या स्कूल में नामांकन के बाद पूरी तरह से पढ़ाई छोड़ दिये हैं।

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