Samastipur Rail News: सफर छोटा... इंतजार लंबा, अटेरन चौक पर बना रेल जाम प्वाइंट
Bihar Latest News: समस्तीपुर के अटेरन चौक के पास कई ट्रेनों के एक साथ आने से अफरातफरी मच गई। यार्ड भरा होने के कारण ट्रेनों को रोकना पड़ा, जिससे धुरिय ...और पढ़ें

अटेरन चौक गुमटी के पास खड़ी ट्रेन। जागरण
जागरण संवाददाता, समस्तीपुर । बरौनी–समस्तीपुर रेलखंड के अटेरन चौक के पास शुक्रवार को एक साथ कई ट्रेनों के कम दूरी पर आ जाने से यात्रियों एवं स्थानीय लोगों में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी की स्थिति बन गई।
जानकारी के अनुसार, पहले से ही यार्ड भरा था। वहां से ट्रेन खुली थी नहीं थी कि दूसरी मालगाड़ी उसी खंड पर आ गई। उसे अटेरन चौक पर ही रोक दिया गया। उसके पीछे धुरियान एक्सप्रेस थी। उसे भी उस मालगाड़ी के पीछे रोक दिया।
फिर अवध एक्सप्रेस, राउरकेला–जयनगर एक्सप्रेस और क्लोन एक्सप्रेस के अलावा वैशाली एक्सप्रेस भी लाइन में खड़ी हो गई। इस दौरान कोई ट्रेन 40 मिनट तो कोई घंटे भर तक कतार में रही। इस कारण अटेरन चौक की गुमटी संख्या 50 बी और 50 सी में कोरबद्धा तक गाड़ियां खड़ी रही।
हालांकि, स्थिति पूरी तरह नियंत्रित रही और किसी प्रकार की कोई दुर्घटना नहीं हुई। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस सेक्शन में एंटी ब्लाक सिग्नल प्रणाली लागू है, इस कारण एक ट्रेन के पीछे आ रही दूसरी ट्रेन के लोको पायलट को आगे की स्थिति की जानकारी होती है।
अधिकारी के अनुसार जब तक अग्रिम मालगाड़ी समस्तीपुर स्टेशन में प्रवेश कर प्लेटफार्म खाली नहीं करती, तब तक पीछे की ट्रेनों को रोकना आवश्यक होता है। मालगाड़ी के जंक्शन पहुंचने के बाद ही सभी ट्रेनों को बारी-बारी से लिया गया। इसके कारण कुछ ट्रेनें अटेरन चौक क्षेत्र में ही आउटसाइड रहीं।
स्टेशन अधीक्षक नीलेश कुमार ने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया एबीएस प्रणाली के तहत ट्रेन संचालन का सामान्य हिस्सा है और इसमें यात्रियों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह व्यवस्था ट्रेनों की सुरक्षित दूरी सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है।
गुमटी लगातार बंद रहने से बढ़ रही परेशानी
अटेरन चौक गुमटी के लंबे समय तक बंद रहने से स्थानीय लोगों को रोजाना भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। प्लेटफॉर्म खाली नहीं होने पर कई बार ट्रेनें यहीं पर खड़ी हो जाती हैं, जिससे गुमटी का फाटक देर तक नहीं खुल पाता।
इससे स्कूली बच्चों, ऑफिस जाने वालों और आसपास के लोगों को जाम व लंबा इंतजार झेलना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने रेलवे से इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने की मांग की है, ताकि गुमटी पर होने वाली परेशानी कम हो सके।

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