Vaishali Express: नाम और नंबर बदला, किराया भी हुआ कम; वैशाली सुपरफास्ट बन गई एक्सप्रेस
सहरसा से दिल्ली जाने वाली वैशाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस, जो 50 वर्षों से सेवा दे रही थी, अब सामान्य एक्सप्रेस बन गई है। इसके नाम से सुपरफास्ट हट गया है औ ...और पढ़ें
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
संवाद सूत्र, नवहट्टा(सहरसा)। सहरसा के लोगों को दिल्ली तक आने जाने के लिए सरल व सुविधाजनक वैशाली सुफर फास्ट एक्सप्रेस अपने पचास साल के लम्बे सफर में दूरियां बढ़ाती रही, अब इसका स्वरूप भी बदल गया।
अब यह सुफर फास्ट एक्सप्रेस नहीं सामान्य एक्सप्रेस गाड़ी बन गई। इसके नाम के आगे से सुफरफास्ट हट गया तथा इसका पुराना गाड़ी नंबर भी बदल गया है।
बिहार और नई दिल्ली के बीच चलने वाली इस ट्रेन की पहचान और संचालन व्यवस्था में परिवर्तन किया गया है। सुपरफास्ट से एक्सप्रेस श्रेणी में बदलाव बाद अब यह ट्रेन पुराने नंबर 12553 और 12554 की जगह नए नंबर 15565 और 15566 से चलेगी।
श्रेणी बदलने के साथ ही यात्रियों को किराए में राहत मिली है। स्लीपर से लेकर एसी तक सभी श्रेणियों में भाड़ा घटने से यात्रियों को काफी राहत मिलने वाली है। इस नई व्यवस्था के तहत टिकटों की बुकिंग भी पहले से ही नए नंबर के साथ की जा रही है।
साल 1973 में तत्कालीन रेल मंत्री कोसी व मिथिला के नेता स्व. ललित नारायण मिश्र द्वारा जयंती जनता एक्सप्रेस के नाम पर समस्तीपुर से नई दिल्ली के लिए चलाई गई थी। 1975 में इसका नाम बदला और यह वैशाली सुपर फास्ट एक्सप्रेस बन गई और मुजफ्फरपुर से नई दिल्ली तक इसका सफर हो गया। 1982 में इसका विस्तार बरौनी तक कर दिया गया।
साल 2019 मार्च महीने से सहरसा में रेलवे सेवा विस्तार की कड़ी में यह ट्रेन में भी शामिल कर दिया गया। अक्टूबर 2025 में सहरसा- सुपौल लाइन के बड़ी लाइन में विस्तार होने के बाद इसकी दूरी पुनः बढ़ा दी गई। ट्रेन ललितग्राम स्टेशन से नई दिल्ली के बीच इसका परिचालन होने लगा।
नवहट्टा के अभिमन्यु अमर, व्यवसायी शिव शंकर हिमांशु ने बताया कि नई दिल्ली आने जाने के लिए सहरसा व सुपौलवासियों के लिए उत्कृष्ट ट्रेन है। सुफर फास्ट श्रेणी से एक्सप्रेस श्रेणी में जाने से किराया में तो कमी होगी लेकिन समय और सुविधा पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
कई यात्रियों ने बताया कि ट्रेन नम्बर बदलने की जानकारी नहीं होने से ऑनलाइन टिकट कटाने में परेशानी भी हो रही है । मझौल निवासी मु. तनवीर ने बताया कि वे पिछले दस वर्षों से दिल्ली में रह रहे हैं। वैशाली अपने पुराने स्वरूप में बहुत ही उम्दा किस्म की गाड़ी रही। समयानुसार गंतव्य तक पहुंचाने के साथ यात्रियों को सफर के दौरान किसी तरह की कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता था। साफ-सफाई से लेकर खाने पीने तक की सुविधाएं सफर को आसान बनाती रही है।

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