Saharsa News : सहरसा जेल में बंदी की संदिग्ध हालात में मौत, टीबी का था मरीज, पोस्टमार्टम के बाद पता चलेगी वजह
सहरसा जेल में सामने आया विचाराधीन कैदी की मौत का मामला प्रशासन पर कई सवाल खड़े करने वाला है। जानकारी के अनुसार उक्त बंदी को अस्पताल ले जाया गया था जहां पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

सहरसा, जासं। बिहार के सहरसा में जेल में बंद विचाराधीन कैदी की संदिग्ध हालात में मौत का मामला सामने आया है। डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल लाए जाने तक कैदी की मौत हो चुकी थी। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही कैदी की मौत की सही वजह पता चल पाएगी। हालांकि परिजनों ने इलाज के अभाव में मौत होने का जेल प्रशासन पर आरोप लगाया है।
जानकारी के अनुसार, सहरसा जेल में एक मामले में बंद बंदी धर्मेंद्र सादा की शुक्रवार को मौत हो गई। स्थानीय अस्पताल के डॉक्टर रोशनलाल ने बताया कि बंदी को जब अस्पताल लाया गया था तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बंदी की मौत आखिर कैसे हुई यह बात पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगी।
इलाज के अभाव में हुई मौत : परिजन
मंडल कारागार में पिछले पांच वर्षों से कैद बंदी की गुरुवार की देर रात मौत हो गई। इलाज के लिए सदर अस्पताल लाए जाने पर चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसकी जानकारी पाकर शुक्रवार को अस्पताल पहुंचे उसके स्वजनों ने शव को पोस्टमार्टम कराने ले जाने से रोककर जमकर हंगामा किया। स्वजनों ने इलाज के अभाव में बंदी की मौत होने का आरोप लगाया है। बाद में डॉक्टर की टीम गठित कर शव का पोस्टमार्टम कराकर स्वजन को सौंप दिया गया।
जानकारी के मुताबिक, मंडल कारागार में बंद बंदी सेठो सादा उर्फ धर्मेंद्र सादा की हालत गुरुवार की रात को बिगड़ने पर जेल प्रबंधन की ओर से उसे सदर अस्पताल पहुंचाया गया। देर रात करीब 1.40 बजे इमजरेंसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. रौशन ने बंदी की जांच कर उसे मृत घोषित कर दिया। उसके बाद पुलिस को इसकी सूचना दी गई। सदर थाने की पुलिस ने अस्पताल पहुंचकर बंदी के स्वजन को इसकी सूचना दी।
शुक्रवार को सबेरे स्वजन सदर अस्पताल पहुंचे और पोस्टमार्टम कराने के लिए ले जाए जा रहे शव को रोककर हंगामा शुरू कर दिया। सदर थाने के पुलिस अधिकारी ब्रजेश सिंह चौहान, कुलवंत कुमार व अयूब खां ने स्वजनों को समझाने का प्रयास किया। बाद में भूमि सुधार उपसमाहर्ता वहां आए और पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टर की टीम गठित की। उन्होंने स्वजनों को उचित कार्रवाई का भरोसा देकर शांत कराया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
इलाज नहीं कराने का लगाया आरोप
चिरैया ओपी के अलानी गांव निवासी बंदी के पिता उपेंद्र सादा ने थानाध्यक्ष के नाम डीसीएलआर को दिए आवेदन में कहा है कि उनका पुत्र पिछले पांच वर्षों से मंडल कारागार में बंद है। जेल में खाने-पीने में दिक्कत होने के कारण उसे टीबी रोग हो गया था। इलाज के अभाव में गुरुवार की रात खून की उल्टी होने के बाद जेल में उसकी मौत हो गई। उन्होंने जेल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई का अनुरोध किया है।
पत्नी की हत्या का था आरोप
26 वर्षीय बंदी धर्मेंद्र सादा पर दहेज के लिए पत्नी की हत्या करने का आरोप था। वर्ष 2013 में मुकदमा दर्ज होने के बाद वर्ष 2017 से वह जेल में बंद था।
तबीयत खराब होने पर बंदी को अस्पताल लाया गया था। इसी दौरान उसकी मौत हो गई। - पंकज कुमार, जेलर, मंडल कारागार, सहरसा
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