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    'विचारों की आजादी पर रोक है, लेकिन गुंडागर्दी', तुषार गांधी बोले- क्रांति होना समय की मांग

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 10:58 AM (IST)

    सहरसा में तुषार गांधी ने बदलो बिहार यात्रा के दौरान कहा कि पूर्ण स्वराज अभी बाकी है क्रांति समय की मांग है। उन्होंने वोट के अधिकार को छीनने की साजिश का आरोप लगाया। किसान नेता डॉ. सुनीलम ने कोसी बाढ़ पीड़ितों के मुद्दे उठाए। कार्यक्रम में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई और बदलो बिहार पर्चा जारी किया गया।

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    तुषार गांधी ने लोगों को किया सम्बोधित। (जागरण)

    संवाद सूत्र, सहरसा। बुधवार को महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी की 'बदलो बिहार: नई सरकार' यात्रा सहरसा पहुंची। इस अवसर पर स्थानीय देव रिसोर्ट में सामाजिक-राजनीतिक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।

    इस मौके पर संबाेधित करते हुए तुषार गांधी ने कहा कि आजादी तो मिल गई, लेकिन पूर्ण स्वराज आज तक नहीं मिला है। इसलिए क्रांति होना समय की मांग है। बिहार के चुनाव में चोरी नहीं हो, इसके लिए सतर्क रहना जरूरी है।

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    वोट के अधिकार को छीनने की साजिश

    उन्होंने कहा कि पहली बार चुनाव आयोग के माध्यम से सरकार वोट के अधिकार को छीनने की साजिश कर रही है। बोलने की आजादी, विचारों की आजादी पर रोक है, लेकिन गुंडागर्दी पर कोई रोक नहीं है। उनके नफरत के सामने हमारा संदेश प्रेम है।

    किसान नेता डॉ. सुनीलम ने कहा कि साजिश के तहत आम जनता को वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने संगठित होकर आंदोलन चलाने की घोषणा की। उन्होंने कोसी बाढ़ पीड़ितों के सवालों को भी सामने रखा। उन्होंने कहा कि कोसी का इलाका गरीब है नहीं इसे गरीब बनाया गया है।

    दीनानाथ पटेल की अध्यक्षता और प्रो. जैनेंद्र के संचालन में हुए इस कार्यक्रम में शिक्षाविद अजय कुमार सिंह ने सभी अतिथियों का अभिनंदन किया। उन्होंने तुषार गांधी को पाग व अंगवस्त्र प्रदान कर कोसी की धरती पर स्वागत किया और वर्तमान परिवेश में कार्यक्रम की महत्ता पर प्रकाश डाला।

    रामजी पोद्दार भी रहे साथ

    इससे पहले सुपौल से सहरसा पहुंचे तुषार गांधी ने सहरसा प्रमंडलीय पुस्तकालय स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उसके बाद उन्होंने चांदनी चौक पर 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान शहीद हुए वीर सपूतों के स्मारक पर भी श्रद्धांजलि अर्पित किया। कार्यक्रम में गांधी जी के साथ काम कर चुके 100 वर्षीय रामजी पोद्दार ने भी शिरकत किया।

    इस अवसर पर 'गांधी और चंपारण सत्याग्रह' बुकलेट का भी वितरण किया गया। साथ ही 'बदलो बिहार: बनाओ नई सरकार' नाम से पर्चा भी जारी किया गया। इस यात्रा में संयोजक शाहिद कमाल, शेख अलाउद्दीन, गुड्डी, अभिषेक प्रियदर्शी, ऋषिकेश, टीपू सुल्तान, आनंदमूर्ति और मुजाहिद नफीस आदि मौजूद थे।

    इस संवाद कार्यक्रम में ओमप्रकाश नारायण, नीरज गुप्ता, संदीप यादव, लक्ष्मेश्वर चौधरी, जयप्रकाश चौधरी, नरेंद्र प्रसाद यादव, कुंदन यादव, मनीष कुमार, प्रो. अनवर आलम आदि ने संबोधित किया।

    मौके पर करुण सिंह, महेन्द्र यादव, रामदेव शर्मा, सत्यनारायण प्रसाद, रोशन यादव, इंद्र नारायण सिंह, अजय भगत, भानु यादव, अरविंद झा, धीरेन्द्र यादव, प्रो. अशोक सिंह, इंद्रजीत, कुमार मणिभूषण, सतीश कुमार, बंटी यादव, पप्पू बाबा सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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