Move to Jagran APP

गेंहू फसल लगाना हुआ और आसान, अब नहीं करनी होगी खेतों की जुताई, बस कर लें यह काम

गेंहू फसल लगाना आसान हो गया है। अब खेतों की जुताई नहीं करनी होगी। वैज्ञानिक कर रहे किसानों को जागरूक। बता रहे खेती करने की टिप्स। पहले गेहूं की खेती के लिए तीन बार जुताई और एक बार पाटा लगाना पड़ता।

By Kundan SinghEdited By: Dilip Kumar shuklaPublished: Wed, 23 Nov 2022 03:11 PM (IST)Updated: Wed, 23 Nov 2022 03:11 PM (IST)
गेंहू फसल लगाना हुआ और आसान, अब नहीं करनी होगी खेतों की जुताई, बस कर लें यह काम
इस तरह करें गेहूं की खेती, कम खर्च लगेंगे।

संवाद सूत्र, सत्तरकटैया (सहरसा)। धान की फसल काटने के बाद खेत की बगैर जुताई के गेहूं फसल की बुआई कि जा सकती है। जीरो टिलेज मशीन से लाइन में बुआई करने से कृषि निवेशों की बचत होगी। साथ ही उत्पादन भी सवा गुना अधिक होगी। परती खेत में बुआई करने से सिंचाई जल की बचत होती है तथा खरपतवार भी कम निकलते हैं। इस विधि से खेती करने के लिए वैज्ञानिक किसानों को जागरूक कर रहे हैं। साथ ही खेती करने की टिप्स भी बता रहे हैं। प्रखंड के दो पंचायतों में इस विधि से बिना खेत जुताई के गेहूं फसल की बुआई कर खेती की शुरुआत की गयी है।

loksabha election banner

क्या है जीरो टिलेज मशीन

जीरो टिलेज मशीन एक आधुनिक कृषि उपकरण है। जिसे ट्रैक्टर के साथ जोड़कर चलाया जाता है। इस उपकरण से खेत में गेहूं की बुवाई कतारों में हो जाती है। बिना जुताई के ही गेहूं के बीजों का अच्छा जमाव होता है। इससे कम समय और कम मेहनत में अच्छे परिणाम मिलता है। जीरो टिलेज मशीन से हर तरह की मिट्टी में गेहूं की बुवाई की जा सकती है।

कम लागत में अधिक होता है मुनाफा

कृषि विज्ञान केन्द्र अगवानपुर के विज्ञानियों ने जीरो टिलेज मशीन से गेहूं की बुआई किसानों के लिए लाभप्रद बताया है। जहां गेहूं की खेती के लिए तीन बार जुताई और एक बार खेत में पाटा लगाना पड़ता। वहीं इस तरीके से जुताई के साथ-साथ बीजों की बुआई खाद, उर्वरक समेत सभी चीजें खेतों में चली जाती है। इस मशीन के उपयोग से किसानों को प्रति हेक्टेयर में 1000 से 1500 रुपये तक का बचत हो जाती है।

जीरो टिलेज मशीन से खेती की हुई शुरूआत

कृषि विज्ञान केन्द्र अगवानपुर के विज्ञानी डा. के एम सिंह , डा. पंकज कुमार राय , विमलेश पांडे एवं किसान सलाहकार आदित्य कुमार के निगरानी में प्रखंड के दो पंचायत पुरीख एवं बरहशेर में खेत की बगैर जुताई के गेहूं फसल की बुआई कर खेती की शुरुआत की गयी है। वैज्ञानिक के एम सिंह ने बताया कि दोनों पंचायत के 283 एकड़ में गेंहू एवं 65 एकड़ में मसूर की खेती जीरो टिलेज मशीन से की जा रही है।

धान फसल कटने के बाद खेत की बगैर जुताई के ही गेहूं फसल की बुआई की जा सकती है। जीरो टिलेज मशीन से लाइन में बुआई करने से कृषि निवेशों की बचत होती है। साथ ही उत्पादन भी सवा गुना अधिक होता है। - ई विमलेश कुमार पांडे , कृषि विज्ञान केन्द्र अगवानपुर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.