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    कोसी की बंजर भूमि को उपजाऊ बनाएगी सिम-समृद्धि खस, किसानों की आय में होगी वृद्धि

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 03:23 PM (IST)

    सहरसा जिले में अब बेकार पड़ी बंजर भूमि पर सिम समृद्धि खस की खेती होगी। कृषि अनुसंधान केंद्र अगवानपुर के प्रयास से उत्पादन शुरू हो गया है। अन्य किस्मों के मुकाबले इससे अधिक तेल निकलता है जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है। कोसी क्षेत्र के किसानों की आय बढ़ाने के लिए साल 2022 में फार्म इनोवेशन प्रोजेक्ट के तहत खस के पौधे लगाए गए थे।

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    खस की खेत का निरीक्षण करते कृषि विज्ञानी छासा सौजन्य: अनुसंधान केंद्र

    कुंदन कुमार, सहरसा। कोसी प्रभावित सहरसा जिले की बेकार पड़ी 27 हजार हेक्टेयर बंजर व दलदली भूमि पर सबसे उन्नत किस्म की सिम समृद्धि खस की खेती होगी। कृषि अनुसंधान केंद्र अगवानपुर के प्रयास से जिले के कुछ भाग में इसका उत्पादन शुरू हो गया है। इस खस से अन्य प्रभेदों की तुलना में अधिक तेल निकलता है और इसकी खेती से बंजर भूमि की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है। इस क्षेत्र में आजीविका के उत्थान के लिए सात प्रभेदों में सिम समृद्धि का चयन किया गया है।

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    जिले की मिट्टी को खेती के लिए माना गया सबसे उपयुक्त

    कोसी क्षेत्र के किसानों की आजीविका के उत्थान के लिए खस के उत्पादन को लोकप्रिय बनाने हेतु वर्ष 2022 में फार्म इनोवेशन प्रोजेक्ट के तहत खस के सात प्रभेद केसरी, गुलाबी, धरणी, केएस वन, खुशनालिका, सिम समृद्धि एवं सिम वृद्धि के पौधे सीएसआईआर-सीमैप, पंतनगर, उत्तराखंड से लाकर सहरसा जिले के किसानों के प्रक्षेत्र पर प्रत्यक्षण कराया गया।

    प्रत्यक्षण में पाया गया कि सिम-समृद्धि में तेल की मात्रा खस की अन्य किस्मों की तुलना में अधिक होती है और यह सहरसा जिले की मिट्टी और जलवायु परिस्थितियों में अच्छी उपज देती है। इसमें विशेष रूप से कोसी नदी के किनारे, बाढ़ के कारण बंजर हुई जमीन भी शामिल हैं।

    इन जमीन पर खस की खेती कर किसानों को लाभांवित करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा, बंजर पड़ी जमीन पर खस की खेती कराने की भी योजना है।

    हर वर्ष प्रति हेक्टेयर डेढ़ लाख से अधिक होगी आमदनी

    कृषि विज्ञानियों ने बताया कि सिम- समृद्धि खस की जड़ से 12-14 महीने बाद तेल निकाला जा सकता है। इस खस की खेती बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों, रेतीली जमीन और जल जमाव वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। इसमें जड़ की उपज 18-20 क्विंटल हेक्टेयर एवं तेल 22-25 किग्रा हेक्टेयर प्राप्त हो जाता है, जिसमें तेल का उत्पादन 0.2 से 0.5 प्रतिशत तक मिलता है। इससे प्रतिवर्ष लगभग एक लाख पचास हजार से एक लाख 80 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर का शुद्ध लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

    सिम समृद्धि खस कोसी क्षेत्र की जलवायु के लिए काफी उपयुक्त है। बंजर भूमि में भी इसकी खेती हो सकेगी। इससे इलाके के किसानों की हालात में काफी सुधार होगा। इससे प्रति वर्ष प्रति हेक्टेयर डेढ़ से दो लाख तक की आमदनी हाेगी। - पंकज कुमार कृषि विज्ञानी, कृषि अनुसंधान केंद्र अगवानपुर, सहरसा