कोसी की बंजर भूमि को उपजाऊ बनाएगी सिम-समृद्धि खस, किसानों की आय में होगी वृद्धि
सहरसा जिले में अब बेकार पड़ी बंजर भूमि पर सिम समृद्धि खस की खेती होगी। कृषि अनुसंधान केंद्र अगवानपुर के प्रयास से उत्पादन शुरू हो गया है। अन्य किस्मों के मुकाबले इससे अधिक तेल निकलता है जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है। कोसी क्षेत्र के किसानों की आय बढ़ाने के लिए साल 2022 में फार्म इनोवेशन प्रोजेक्ट के तहत खस के पौधे लगाए गए थे।

कुंदन कुमार, सहरसा। कोसी प्रभावित सहरसा जिले की बेकार पड़ी 27 हजार हेक्टेयर बंजर व दलदली भूमि पर सबसे उन्नत किस्म की सिम समृद्धि खस की खेती होगी। कृषि अनुसंधान केंद्र अगवानपुर के प्रयास से जिले के कुछ भाग में इसका उत्पादन शुरू हो गया है। इस खस से अन्य प्रभेदों की तुलना में अधिक तेल निकलता है और इसकी खेती से बंजर भूमि की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है। इस क्षेत्र में आजीविका के उत्थान के लिए सात प्रभेदों में सिम समृद्धि का चयन किया गया है।
जिले की मिट्टी को खेती के लिए माना गया सबसे उपयुक्त
हर वर्ष प्रति हेक्टेयर डेढ़ लाख से अधिक होगी आमदनी
सिम समृद्धि खस कोसी क्षेत्र की जलवायु के लिए काफी उपयुक्त है। बंजर भूमि में भी इसकी खेती हो सकेगी। इससे इलाके के किसानों की हालात में काफी सुधार होगा। इससे प्रति वर्ष प्रति हेक्टेयर डेढ़ से दो लाख तक की आमदनी हाेगी। - पंकज कुमार कृषि विज्ञानी, कृषि अनुसंधान केंद्र अगवानपुर, सहरसा
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