न्याय की आस में बुझ रही माता-पिता की जिंदगी, बेटे के हत्यारे को सजा दिलाने के लिए आमरण अनशन पर बैठा पूरा परिवार
सहरसा के सिहौल चौक पर अपने बेटे के हत्यारों को सज़ा दिलाने की मांग को लेकर माता-पिता तीसरे दिन भी आमरण अनशन पर बैठे रहे। मृतक की बहन भी उनके साथ अनशन पर शामिल हो गई है। माता-पिता ने बताया कि 12 जून 2025 को उनके बेटे की हत्या हुई थी।

संवाद सूत्र, सत्तरकटैया (सहरसा)। इकलौते बेटे की हत्या का दर्द, मां-पिता की आंखों में आंसू और न्याय की आस में बुझती जीवन की लौ सिहौल चौक पर यह दृश्य हर किसी का दिल दहला देता है।
आयुष आनंद के माता-पिता अपने जिगर के टुकड़े के हत्यारों को सजा दिलाने की मांग को लेकर गुरुवार को तीसरे दिन भी आमरण अनशन पर डटे रहे। इस बीच मृतक की बहन काजल कुमारी भी माता-पिता का साथ देने अनशन पर बैठ गई, जिससे अनशनकारियों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है। इनमें से दो की हालत अब नाजुक बताई जा रही है।
पीड़ित पिता संजय कुमार सिंह और मां नीतू कुमारी ने रोते हुए कहा कि 12 जून 2025 को हटिया गाछी गली में हमारे बेटे की बेरहमी से हत्या कर दी गई। तीन महीने गुजर गए लेकिन जांच ठप है।
एसआईटी बनने के बाद भी न आरोपी पकड़े गए, न पूछताछ हुई। हमें बार-बार केवल झूठे आश्वासन मिले। हमारा घर वीरान हो गया है, अब जीने का कोई कारण नहीं बचा। जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती, हम भूख की आग में जलते रहेंगे।
उनकी यह वेदना सुनकर ग्रामीण भी दिनभर धरना पर बैठे रहे। ग्रामीण नयन सिंह, देवनारायण कामत, फर्मूद नद्दाफ, सत्यनारायण कामत, पवन सिंह, अमर सिंह, मोहम्मद मियां, बबलू झा, मोहम्मद गफ्फार, मंजुला देवी, विमल पोद्दार, अनिल कामत, दिनेश यादव, बेचन राम समेत कई लोगों ने समर्थन में धरना दिया।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर 24 घंटे के भीतर दोषियों की गिरफ्तारी और ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और उग्र रूप ले लेगा। ग्रामीणों का कहना था कि अब यह संघर्ष केवल एक परिवार का दर्द नहीं, बल्कि पूरे समाज की न्याय की पुकार बन चुका है।
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