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    Bihar Government: नीतीश सरकार ने डबल कर दिया इन लोगों का मानदेय, अब हर महीने मिलेंगे 21000 रुपये

    बिहार सरकार ने किसान सलाहकारों के मानदेय में वृद्धि की है जिसे 13 हजार से बढ़ाकर 21 हजार रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। इस फैसले से सत्तरकटैया प्रखंड के किसान सलाहकारों में खुशी की लहर दौड़ गई है। सलाहकारों ने सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा और किसानों की सेवा करने की प्रेरणा मिलेगी।

    By Sushil Jha Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 27 Aug 2025 03:08 PM (IST)
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    किसान सलाहकारों का मानदेय बढ़ा, अब मिलेगा 21 हजार प्रतिमाह

    संवाद सूत्र, सत्तरकटैया (सहरसा)। बिहार सरकार (Bihar Government) ने किसान सलाहकारों को बड़ी सौगात दी है। लंबे समय से मानदेय वृद्धि की मांग कर रहे किसान सलाहकारों के पक्ष में निर्णय लेते हुए सरकार ने उनका मानदेय 13 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 21 हजार रुपये कर दिया है। सरकार के इस फैसले से प्रखंड क्षेत्र के किसान सलाहकारों में खुशी की लहर दौड़ गई है।

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    प्रखंड के किसान सलाहकार आदित्य कुमार, मायाशंकर सिंह, कुमार गणेश, संजीव कुमार राय, सुधीर कुमार, धीरेन्द्र कुमार, विनोद कुमार एवं ब्रजनंदन कुमार ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार का यह कदम न केवल उनके परिवार के जीवन स्तर को बेहतर बनाएगा, बल्कि उन्हें और अधिक उत्साह के साथ किसानों की सेवा करने के लिए प्रेरित करेगा।

    उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं कृषि मंत्री के प्रति आभार जताते हुए कहा कि किसान सलाहकार खेत-खेत पहुंचकर योजनाओं को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में मानदेय में बढ़ोतरी से उनका मनोबल और मजबूत होगा।

    दफ्तर छोड़ कृषि अधिकारी पहुंचे किसानों के खेत

    दूसरी ओर, मोटे अनाज यानी मिलेट्स की खेती को लेकर कृषि विभाग ने सख्ती दिखाते हुए नई पहल शुरू की है। विभाग ने सप्ताह में एक दिन ‘जीरो ऑफिस डे’ की शुरुआत की है। जिसके तहत अधिकारी दफ्तर में बैठने के बजाये सीधे खेतों और गांवों का दौरा करेंगे।

    जीरो ऑफिस डे के तहत बुधवार को प्रखंड कृषि पदाधिकारी केदार राय ने भेलवा और सत्तर पंचायत में किसानों की मिलेट्स फसलों का जायजा लिया। उन्होंने विभागीय निर्देश पर वितरित बीज और अन्य सामग्रियों की जांच की। इस दौरान 25-25 एकड़ में बोई गई मरुआ फसल की स्थिति का भी अवलोकन किया।

    अधिकारी ने मौके पर किसानों को मोटे अनाज की खेती से होने वाले लाभों की विस्तृत जानकारी दी और उन्हें इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

    विभाग का मानना है कि जीरो ऑफिस डे की पहल से योजनाओं की वास्तविक स्थिति का पता लगाने, किसानों की समस्याओं को समझने और कृषि कार्यों की गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलेगी।

    क्या है जीरो ऑफिस डे?

    यह एक ऐसी प्रक्रिया है जहां कृषि अधिकारी अपने कार्यालय में बैठकर काम करने के बजाय सीधे खेतों और गांवों का दौरा करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों से सीधे जुड़ना, उनकी समस्याओं को समझना और कृषि से जुड़े मामलों की जमीनी हकीकत का पता लगाना है। यह पहल मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के कृषि विभाग के सख्त रवैये का हिस्सा है।