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    91 हजार में बिका 'सलमान', 'आमिर' को लोगों ने 51 हजार में खरीदा; 3 हिस्सों में बंटेगा कुर्बानी का मांस

    Updated: Thu, 05 Jun 2025 09:24 PM (IST)

    सहरसा में बकरीद की तैयारी जोरों पर है यह त्योहार 7 जून को मनाया जाएगा। इस मौके पर सलमान नामक बकरा 91 हजार और आमिर 51 हजार में बिका। बकरीद अल्लाह के प्रति निष्ठा और बलिदान का प्रतीक है। कुर्बानी के बाद मांस तीन हिस्सों में बांटा जाता है जिससे समाज में भाईचारा बढ़ता है। यह त्योहार हजरत इब्राहिम की सुन्नत की याद दिलाता है।

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    91 हजार में बिका 'सलमान', 'आमिर' को लोगों ने 51 हजार में खरीदा

    जागरण संवाददाता, सहरसा। बकरीद (ईद-उल-अज़हा) इस्लाम धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। अल्लाह के प्रति पूर्ण निष्ठा, समर्पण और बलिदान का प्रतीक सात जून को मनाया जाएगा। जिसको लेकर जमकर बकरे की खरीदारी की गई है। इस वर्ष सलमान नामक बकरा 91 हजार में तो आमिर नामक बकरा 51 हजार तक में बिका।

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    इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, अल्लाह ने पैगंबर इब्राहिम की परीक्षा लेनी चाही। सपने में उनसे उनकी सबसे प्रिय चीज कुर्बान करने का हुक्म दिया। पैगंबर इब्राहिम को उनका बेटा इस्माइल सबसे प्रिय था। अल्लाह के हुक्म का पालन करते हुए, इब्राहिम अपने बेटे इस्माइल को कुर्बान करने के लिए तैयार हो गए।

    जब इब्राहिम ने अपने बेटे को कुर्बान करने के लिए अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर छुरी चलाई तो अल्लाह ने उनकी निष्ठा और समर्पण देखकर इस्माइल की जगह एक भेड़ (दुंबा) भेज दिया। इस प्रकार इस्माइल की जान बच गई। जिसके बाद हर साल बकरीद पर्व मनाया जाता है।

    बकरीद पर कुर्बानी का है खास महत्व

    बकरीद पर दी जाने वाली कुर्बानी का खास महत्व है। कुर्बानी का मुख्य उद्देश्य अल्लाह की रजा और खुशी हासिल करना है। यह दिखाता है कि एक मुसलमान अल्लाह के हुक्म को पूरा करने के लिए अपनी सबसे प्रिय चीज भी कुर्बान करने को तैयार है। कुर्बानी के बाद मांस को तीन हिस्सों में बांटा जाता है।

    एक हिस्सा परिवार के लिए, दूसरा रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए, और तीसरा हिस्सा गरीब और जरूरतमंदों के लिए। यह परंपरा समाज में समानता, भाईचारा और सहायता की भावना को बढ़ावा देती है,8 ताकि कोई भी भूखा न रहे।

    मु. लुकमान अली ने बताया कि बकरीद इस्लामिक कैलेंडर के 12वें महीने ज़ुल-हिज्जा की 10वीं तारीख को मनाई जाती है। इसी महीने में मुसलमान हज करने के लिए मक्का-मदीना भी जाते हैं।

    उन्होंने कहा कि इस्लाम में कुर्बानी करना हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम की सुन्नत है। जिसे अल्लाह ने मुसलमानों पर वाजिब (आवश्यक) कर दिया है।

    बकरीद पर्व को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोग अपने अपने हैसियत के हिसाब से बकरे खरीदारी करते हैं। बख्तियारपुर मवेशी हाट में भी बकरे की खरीदारी काफी हुई। जहां सलमान नामक बकरे की बोली 91 हजार में तो आमिर नामक बकरे की बोली 51 हजार तक लगी।

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