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    Sawan 2025: 11 जुलाई से होगी सावन की शुरुआत, 72 साल बाद बदलेगी ग्रहों की चाल; जानिए जरूरी बातें

    Updated: Mon, 07 Jul 2025 04:12 PM (IST)

    श्रावण मास 11 जुलाई से शुरू हो रहा है जिसमें सर्वार्थ सिद्धि प्रीति और आयुष्मान योग बन रहे हैं। 72 साल बाद शनि और बुध की चाल बदलेगी। पंडित बमबम झा के अनुसार सावन में शिवलिंग पर जलाभिषेक और सोमवारी व्रत का विशेष महत्व है जिससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। पहली सोमवारी 14 जुलाई को है।

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    11 जुलाई से होगी सावन की शुरुआत, 72 साल बाद बदलेगी ग्रहों की चाल

    संवाद सूत्र, नवहट्टा (सहरसा)। भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष महत्व रखने वाले श्रावण मास का आरंभ 11 जुलाई यानी शुक्रवार से हो रहा है। पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, प्रीति योग और आयुष्मान योग बन रहे हैं।

    इसके साथ ही में 72 साल बाद शनि और बुध ग्रह की चाल बदलेगी। इन योगों में पूजा करने व शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

    सावन माह 11 जुलाई से शुरू होकर नौ अगस्त तक रहेगा। पोखरभिंडा निवासी पंडित बमबम झा ने बताया कि सावन मास की शुरुआत 10 जुलाई की मध्यरात्रि एक बजकर 28 मिनट से मानी जा रही है।

    वहीं, सनातन परंपरा के अनुसार, तिथि की गणना उदया तिथि के आधार पर की जाती है। ऐसे में इसका आरंभ 11 जुलाई से होगा।

    देवों के देव महादेव को अतिप्रिय है सावन, सोमवारी व्रत का है विशेष महत्व

    आचार्य ने बताया कि देवों के देव महादेव को सावन मास अतिप्रिय है। वहीं, इसमें सोमवारी व्रत का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस माह में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है। विशेषकर सावन में सोमवार का व्रत रखने पर भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं।

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    जानकारी के अनुसार, 14 जुलाई को पहली सोमवार, 22 जुलाई को दूसरी, 29 जुलाई को तीसरी व पांच अगस्त को चौथी सोमवारी व्रत होगा।

    बताया कि सावन के चारों सोमवार पर कुल सात फलदायी योग बनेंगे। 14 जुलाई को पहली सोमवारी को भगवान शिव के साथ गणेश जी की विशेष पूजा होगी।