अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन में मिथिला राज्य निर्माण पर विचार
संसू महिषी (सहरसा) रविवार को उग्रतारा स्थान परिसर में अवस्थित आइबी भवन के सभागार में 33वें अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन के दो दिवसीय कार्यक्रम की शुरूआत की गयी।

संसू, महिषी (सहरसा) : रविवार को उग्रतारा स्थान परिसर में अवस्थित आइबी भवन के सभागार में 33वें अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन के दो दिवसीय कार्यक्रम की शुरूआत की गयी। कार्यक्रम में आये वक्ताओं ने मिथिला और मैथिली के विकास के लिए मिथिला राज्य के निर्माण पर जोर डालते हुए इसके लिए सतत प्रयासरत रहने की बात कही।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे डा. कमलकांत झा ने उत्तर बिहार को मिथिला राज्य के रूप में मान्यता मिले, इस पर विस्तार से चर्चा की तथा मिथिला राज्य के संसाधनों पर विभिन्न तरह से उपलब्धता पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि डा. विभू शेखर झा ने मिथिला विभूति को नमन करते हुए मिथिला के सर्वांगीण विकास पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। संस्थापक अध्यक्ष डा. धनाकर ठाकुर ने कहा कि संपूर्ण मिथिला सेवी संस्थाएं एवं मिथिलासेवी मिथिला राज्य निर्माण पर ध्यान केंद्रित करें। विशिष्ट अतिथि डा. सुधीर नाथ मिश्र ने अपने जीवन काल में मिथिला राज्य में अंतिम सांस लेने का संकल्प दोहराया। विशिष्ट अतिथि प्रो. पी. के. झा प्रेम ने आगामी जनगणना में मातृभाषा में मैथिली का उल्लेख करने का आह्वान किया। वक्ताओं ने कहा कि मिथिला के सभ्यता एवं संस्कृति की रक्षा और विकास के लिए अलग मिथिला राज्य के स्थापना की जरूरत है। सम्मेलन में मिथिला राज्य के लिए सभी मिथिलावासियों को एकजुट होकर आवाज बुलंद करने का आह्वान किया गया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद के आगत अतिथियों प्रो. विभू शेखर झा, डा. धनाकर ठाकुर, डा. कमलकांत झा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उद्घाटन के बाद शत्रुघ्न चौधरी एवं उनके शिष्यों के द्वारा स्वस्ति वाचन किया गया। सम्मेलन के संयोजक दिलीप कुमार चौधरी ने आगत अतिथियों का स्वागत भाषण से स्वागत किया।
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पुस्तक का हुआ विमोचन
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अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष डा कमलकांत झा द्वारा परिषद के पूर्व अध्यक्ष पर लिखी गयी पुस्तक मिथिलासपूत डा. गुरुमैता अभिनन्दन ग्रन्थ का लोकार्पण किया गया। मधुबनी से प्रकाशित राष्ट्रीय मैथिली दैनिक मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश का 118वें अंक का भी लोकार्पण किया गया। परिषद के महासचिव डा नारायण यादव ने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। आदर्श मिथिला पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष डा. सुधीर नाथ मिश्र व मिथिला शिक्षा मंच सम्बद्ध अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद के संयोजक प्रो. पी. के. झा प्रेम, प्रो. विनय चौधरी ने संबोधित किया। मौके पर डा. राज कुमार भारती, उमेश भारती, राजीव कर्ण, निर्मल मिश्र, सुरेश चंद चौधरी, डा नंदकिशोर चौधरी, सुमन मिश्र, शशिधर ठाकुर, विश्व बंधु मिश्र, आनंद राय, नीरज राय,धनुषधारी लाभ, विघ्नेश मिश्र, रागिनी झा, हरिद्वार मिश्र, जवाहर ठाकुर, जटाशंकर झा, मिथिलेश मिश्र, अनिलकांत झा, रणविजय झा, विकासवर्द्घन मिश्र सहित अन्य मौजूद थे।
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