बिहार की इस फेमस सीट पर माकपा के दावे से महागठबंधन में बढ़ी खींचतान, तेजस्वी की बढ़ेगी टेंशन
सहरसा जिले का महिषी क्षेत्र अपनी सांस्कृतिक और राजनीतिक पहचान के लिए जाना जाता है। यहां विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक दलों में सीटों को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है। माकपा ने महिषी सीट पर अपना दावा पेश करके राजद की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पिछले चुनाव में जदयू के गुंजेश्वर साह ने राजद के गौतम कृष्ण को हराया था।
कुंदन, सहरसा। महिषी बस एक गांव का नहीं है। यह अपने सांस्कृतिक, धार्मिक और साहित्यिक विरासत के लिए जितनी जाती है उतनी ही महिषी विधानसभा सीट अपनी राजनीतिक सुचिता के लिए विख्यात है।
इस सीट पर प्रखर समाजवादी नेता परमेश्वर कुमर और कांग्रेसी दिग्गज लहटन चौधरी चुनाव लड़ते रहे हैं। राजनीतिक प्रतिद्वंदी होते हुए भी इनकी राजनीतिक सुचिता की कई कहानी आज भी इस इलाके के लोग सुनाते हैं।
माकपा ने ठोंका दावा
इधर विधानसभा चुनाव आते ही पार्टियों के बीच सीटों को लेकर खींचतान शुरू हो गयी है। महिषी विधानसभा सीट पर अब माकपा ने अपना दावा ठोक राजद की मुश्किल बढ़ा दी है।
बुधवार को सहरसा आए माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य सह अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अशोक ढ़बले ने महिषी सीट पर अपना दावा ठोक दिया। इसके बाद राजद के संभावित उम्मीदवाराें की मुश्किलें बढ़ गयी हैं।
जदयू ने जीती थी सीट
बीते 2020 के विधानसभा चुनाव में यहां से महागठबंधन से राजद की टिकट पर गौतम कृष्ण उम्मीदवार थे। जदयू के गुंजेश्वर साह ने उन्हें नजदीकी मुकाबले में हराया था। दूसरी ओर इस सीट पर फिलहाल एनडीए गठबंधन में जदयू का कब्जा है।
यहां ध्यान रहे कि 2015 के चुनाव में एनडीए की तरफ से रालोसपा के खाते में यह सीट गयी थी। जबकि महागठबंधन में जदयू ने सीट पर अपना दावा छोड़ा था और यहां से राजद के अब्दुल गफूर ने बाजी मारी थी।
2020 के चुनाव में अब्दुल गफूर के पुत्र अब्दुल रज्जाक लोजपा की टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे थे और 22 हजार से अधिक मत प्राप्त किया था। ऐसे में इस सीट पर माकपा की नयी दावेदारी एक नयी संभावना ने जन्म ले लिया है।
महिषी (77)
- विजेता (2020): गुंजेश्वर साह (जदयू) - 66,316 मत
- उपविजेता: गौतम कृष्ण (राजद) - 64,686 मत
- तीसरा स्थान: अब्दुर रज्जाक (लोजपा) - 22,110 मत
- मतदाता (वर्तमान): - कुल: 3,16,336 - पुरुष: 1,61,817 - महिला: 1,54,514
वर्तमान में चल रहे विशेष मतदाता पुनरीक्षण में इस विधानसभा की ड्राफ्ट सूची में 2,80,275 मतदाता हैं। इस हिसाब से 36,061 वोटर हटाए गए।
महिषी विधानसभा का इतिहास
- 1967 - परमेश्वर कुमर - संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी
- 1969- लहटन चौधरी- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1972 - लहटन चौधरी- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1977 - परमेश्वर कुमर - जनता पार्टी
- 1980 - लहटन चौधरी- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1985 - लहटन चौधरी- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1990 - आनंद मोहन - जनता दल
- 1995 - अब्दुल गफूर - जनता दल
- 2000- अब्दुल गफूर - राजद
- 2005 - सुरेंद्र प्रसाद यादव - निर्दलीय
- 2005 - गुंजेश्वर साह - जदयू
- 2010- अब्दुल गफूर - राजद
- 2015 - अब्दुल गफूर - राजद
- 2020 - गुंजेश्वर साह - जदयू
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