लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के निर्णय का कराएं अनुपालन : आयुक्त
संस सहरसा प्रमंडलीय आयुक्त गोरखनाथ ने सहरसा मधेपुरा और सुपौल जिले के जिलाधिकारी को पत्र भेजकर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारियों के निर्णय का अनुपालन कराने का निर्देश दिया है।

संस, सहरसा: प्रमंडलीय आयुक्त गोरखनाथ ने सहरसा, मधेपुरा और सुपौल जिले के जिलाधिकारी को पत्र भेजकर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारियों के निर्णय का अनुपालन कराने का निर्देश दिया है। आयुक्त ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जन शिकायतों एवं जनता की आम समस्या को सुलझाने तथा सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 2015 लागू की गई है। इसके लिए सभी अनुमंडल एवं जिला में जिला पूर्णकालिक रूप से पदाधिकारी की पदस्थापना की गई है। इन पदाधिकारियों के द्वारा मामलों की सुनवाई के पश्चात कुछ मामलों में लोक प्राधिकारों को अनुपालन का आदेश दिया जाता है। कहा कि पाया जा रहा है कि लोक प्राधिकार द्वारा ससमय इसका अनुपालन नहीं किया जाता है जिसके कारण सरकार के द्वारा बनाया गया अधिनियम विफल हो जाता है।
आयुक्त ने कहा कि ऐसे मामलों के अनुपालन के लिए प्रथम अपील के मामले बड़ी संख्या उनके समक्ष आ रहा है। कहा कि मुख्यमंत्री के जनता दरबार में भी लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत किए गए निर्णयों का अनुपालन नहीं होने की शिकायतें प्राप्त हो रही है। राज्य सरकार के द्वारा इस मामले में गंभीर चिता व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी को अनुपालन के लिए समय-समय पर निर्देश प्राप्त होता रहा है। निर्णयों का अनुपालन नहीं होने से जनसमस्याओं का निराकरण सफल तरीके से नहीं हो पा रहा है। आयुक्त ने सभी लोक प्राधिकारों को निर्णय की तिथि से एक माह के अंदर हर हाल में अनुपालन करने अगर किसी मामले में अपील में सुनवाई लंबित है और पूर्व में दिए गए निर्णय पर रोक नहीं लगाई गई, तो वैसे मामलों में भी निर्णयों को लागू किया जाना बाध्यकारी होगा। आयुक्त ने उप विकास आयुक्त और अपर समाहर्ता को विकास एवं राजस्व के मामले में दिए गए निर्णयों के अनुपालन के लिए अधीनस्थ लोक प्राधिकारों को निदेशित करने और अनुपालन नहीं करने वालों के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई का प्रस्ताव तैयार कर सक्षम प्राधिकार को प्रेषित करने का निर्देश दिया। आयुक्त ने कहा कि संबंधित जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक क्रमश: सामान्य एवं पुलिस संबंधी इन निर्णयों के अनुपालन हेतु उत्तरदायी होंगे। इन अधिकारियों को समय-समय पर समीक्षा करने और जानबूझकर निर्णयों का अनुपालन नहीं करनेवालों पर अनुशासनिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
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