National Bamboo Mission: बांस की खेती से मालामाल होंगे किसान, सरकार दे रही पूरा खर्च
राष्ट्रीय बांस मिशन किसानों के लिए एक लाभकारी योजना है। इस मिशन के तहत, सरकार बांस की खेती को बढ़ावा दे रही है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। स ...और पढ़ें

बांस की खेती करता किसान। फाइल फोटो
संवाद सूत्र, नवहट्टा (सहरसा)। राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के तहत बांस की खेती करने को प्रोत्साहित कर स्वरोजगार को बढ़ावा देने का काम हो रहा है। इसमें वैसी भूमि का उपयोग हो पाएगा, जहां अन्य कोई फसल नहीं होती है। इससे किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।
उद्यान विभाग की इस पहल से सहरसा सहित राज्य के 27 जिलों के किसान लाभान्वित होंगे। अनुदान पर बांस की खेती के लिए जिलावार लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सहरसा जिले में 19 हेक्टेयर में बांस की खेती का लक्ष्य है। सार्वजनिक क्षेत्र में उच्च घनत्व बांस रोपण पर 100 फीसद अनुदान मिलेगा।
प्रति हेक्टेयर एक लाख 20 हजार रुपये की लागत मूल्य निर्धारित की गई है। किसान धनेश्वर मिश्र ने बताया कि अगर बांस से उत्पाद बनाकर उसे बाहर का बाजार उपलब्ध कराया जाए तो यह किसानों के लिए वरदान साबित होगा। बांस जैसी नगदी फसल से कमाकर किसान आत्मनिर्भर हो सकेंगे। रोजगार का यह बड़ा माध्यम बनेगा।
सीमांत रोपण पर भी मिलेगा अनुदान
निजी क्षेत्र में उच्च घनत्व बांस रोपण पर 50 फीसद अनुदान मिलेगा। इसमें प्रति इकाई लागत एक लाख 20 हजार रुपये निर्धारित की गई है। इसके तहत किसानों को न्यूनतम 10 डिसमिल से अधिकतम 50 डिसमिल रकबा में बांस की खेती के लिए अनुदान मिलेगा। किसान के खेत पर सीमांत रोपण पर भी 50 फीसद अनुदान दिया जाएगा।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में किसानों के जमीन पर बाउंड्री प्लांटेशन के रूप में बांस की खेती हेतु प्रति किसान कम से कम 10 बांस पौधा देने का प्रावधान किया गया है। प्रति पौधा इकाई लागत 300 रुपया निर्धारित है।
अनुदान पर 150 रुपये में प्रति पौधा मिलेगा। योजना का कार्यान्वयन वित्तीय वर्ष 2025 26 से 2026-27 तक कुल दो वर्षों में किया जाएगा। मार्गदर्शिका के अनुरूप प्रथम वर्ष अनुदान की राशि का 60 प्रतिशत तथा द्वितीय वर्ष अनुदान राशि का 40 प्रतिशत देने का प्रावधान है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।