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    बेटे आनंद मोहन से मिलते ही मां हुई भावुक, आशीर्वाद में कह दी दिल की बात

    बेटे आनंद मोहन से मिलते ही उनकी मां बेहद भावुक हो उठी। उन्होंने बेटे को तत्काल गले से लगा लिया। बेटे से मिलते ही मां की ममता देखते ही बनी। उन्होंने अपने दिल की बात कह दी। पेरौल पर रिहा हुए आनंद मोहन अपनी बिल्ली को भी साथ लाए।

    By Kundan KumarEdited By: Shivam BajpaiUpdated: Fri, 04 Nov 2022 09:14 PM (IST)
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    अपनी मां के साथ बैठे पूर्व सांसद आनंद मोहन।

    संवाद सूत्र, सहरसा: पुत्री के शुभलग्न को ले 15 दिनों के पैरोल पर जेल से निकलने के बाद पूर्व सांसद आनंद मोहन अपने गंगजला आवास पर पहुंचे। उन्होंने मां गीता देवी का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। मां ने बेटे को तिलक लगाया और कलेजे से लगा ली। कुछ क्षण के लिए मां- बेटे के साथ परिवार के उपस्थित सदस्य और उपस्थित लोग भी भावुक हो उठे। इस मौके पर उनकी 97 वर्षीय मां ने कहा कि वर्षों बाद बेटे से मिलन से वह बेहद खुश हैं। उन्हें वास्तविक खुशी उस दिन मिलेगी जब बेटा स्थायी रूप से जेल से बाहर आ जाएगा। वह उन दिन का हर क्षण इंतजार कर रही है।

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    पहले तो आनंद मोहन मां के बगल में खड़े होकर ही फूल- माला लेकर आए लोगों का अभिवादन स्वीकारते रहे। बाद में बढ़ती भीड़ को देखकर वे बाहर निकल आए। बाहर में समर्थकों की भीड़ में घूम- घूमकर लोगों से मिलते रहे। उनके आवास में दर्जनों पुराने मित्र समर्थकों के साथ काफी संख्या में युवा वर्ग के लोग जुटे थे।

    कम नहीं हुई आनंद मोहन की फैन फॉलोइंग

    पारिवारिक समारोह में शिरकत करने हेतु 15 दिनों के पैरोल पर निकले पूर्व सांसद आनंद मोहन के साथ फोटो खिंचवाने और सेल्फी लेने की होड़ मची रही। इस कारण वे समर्थकों से घंटों घिरे रहे। जेल गेट से लेकर अपने गंगजला कार्यालय तक पहुंचने के क्रम में सड़क पर दीदार के लिए खड़े लोगों का वो अपनी गाड़ी से ही अभिवादन करते रहे। उनके समर्थक चारपहिया और दोपहिया वाहन लेकर सुबह से ही जेल गेट के आगे इंतजार करते रहे। वो जैसे ही बाहर निकले उनके वाहन के पीछे का काफिला चल पड़ा।

    जेल गेट पर पूर्व सांसद की अगवानी करने के लिए पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद, उनके कनिष्ठ पुत्र अंशुमन आनंद, कुलानंद अकेला, अजय कुमार बबलू, ध्यानी यादव, ई. रमेश सिंह, अनिल सिंह, अनिमेश कुमार, राजद आनंद, संतोष सिंह, रोहिण दास, कुणाल सिंह, शंभू सिंह, जितेंद्र सिंह चौहान, रिंकु सिंह, मदन सिंह चौहान, श्यामसुंदर सिंह, मु. अनवर चांद समेत बड़ी संख्या समर्थक मौजूद रहे।

    पहले बिल्ली को बाहर भेज फिर निकले मोहन

    आनंद मोहन बिल्ली के बहुत शौकीन है। वे जेल में बिल्ली को रखते हैं और काफी प्यार करते हैं। पेरौल पर बाहर निकलने पर इसके बेहतर देखभाल जेल में नहीं हो पाने की चिंता से पहले बिल्ली का पिंजरा उनकी गाड़ी में रखा गया। उसके बाद उनका सामान आया और फिर खुद निकले।