By Rajan KumarEdited By: Prateek Jain
Updated: Sat, 26 Aug 2023 11:11 PM (IST)
शहर के गौतमनगर मोहल्ला निवासी नीरज कुमार मिश्रा लिखित व निर्देशित मैथिली फिल्म सामांतर को 69वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया है। फिल्म निर्देशक नीरज कुमार मिश्रा की इस सफलता पर सहरसा जिले सहित पूरे कोसी इलाका में संस्कृतिकर्मियों व कलाकारों के बीच खुशी की लहर है। वर्ष 2021 में ही कोरोना काल में बनी इस फिल्म की शूटिंग सहरसा शहर के कई इलाकों में हुई।
संवाद सूत्र, सहरसा: शहर के गौतमनगर मोहल्ला निवासी नीरज कुमार मिश्रा लिखित व निर्देशित मैथिली फिल्म सामांतर को 69वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया है।
फिल्म निर्देशक नीरज कुमार मिश्रा की इस सफलता पर सहरसा जिले सहित पूरे कोसी इलाका में संस्कृतिकर्मियों व कलाकारों के बीच खुशी की लहर है।
इन जगहों पर हुई शूटिंग
वर्ष 2021 में ही कोरोना काल में बनी इस फिल्म की शूटिंग सहरसा शहर के कई इलाकों में हुई, जिसमें वीर कुंवर सिंह चौक, गंगजला चौक, पंचवटी, कलेक्ट्रेट रोड, हवाई अडडा सहित बलुआहा पुल के अलावा सुपौल व अररिया जिले के नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में शूटिंग हुई।
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साथ ही इसमें अभिनय करनेवाले ज्यादातर स्थानीय कलाकार हैं। वैसे मूलत: नीरज कुमार मिश्रा का पैतृक गांव सुपौल जिले के कर्णपुर है। वैसे सहरसा में ही उनका युवावस्था गुजरा।
राजनीति विज्ञान में स्नातक नीरज कुमार मिश्रा मास कम्युनिकेशन करके मुंबई फिल्म नगरी में ही संघर्ष करने लगे और अपनी प्रतिभा के बल पर राष्ट्रीय स्तर पर उभरे।
कौन बनेगा करोड़पति में भी कर चुके हैं काम
नीरज पिछले दो दशकों से टेलीविज़न और वेब से जुड़े हैं। जिसमें कौन बनेगा करोड़पति सीज़न एक, तारक मेहता का उल्टा चश्मा, अदालत, लाडो, रक्षक जैसे प्रमुख सीरियल्स में बतौर क्रिएटिव डिरेक्टर, लेखक और शो रनर की ज़िम्मेदारी उठायी है।
2018 में इन्होंने कमर्शियल फ़िल्मों में काम करना शुरू किया और इनकी पहली फिल्म टाइगर श्रॉफ़ अभिनीत बागी टू थी, जो उस साल की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर थी।
फ़िलहाल ये कई और कमर्शियल फिल्मों पर भी काम कर रहें हैं। इनके द्वारा ही लिखित निर्मित और निर्देशित फ़िल्म समानांतर है।
इस फिल्म में स्थानीय रंगकर्मी कुन्दन वर्मा, रोहित झा, अशोक कुमार वर्मा, रतीश चंद्र मिश्रा, शुभम कश्यप, नरेंद्र टुनटुन आदि ने अभिनय भी किया है। रतीश चंद्र मिश्रा इनके पिता है।
कोरोना काल में सहरसा प्रवास के दौरान ही उन्होंने अपनी चार कथाओं को मिलाकर इस फिल्म का निर्देशन किया।
मैथिली भाषा में बनी इस फिल्म को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिलने से यह साबित हो गया कि मैथिली फिल्म की काफी संभावनाएं अब बढ़ती जा रही है।
हालांकि, यह फिल्म पटना में बिहार दिवस पर दिखायी गयी थी तो उस समय लोगों ने इसे काफी सराहा था और निर्देशकों की काफी तारीफ की थी।
इससे पहले बिहार के चंदन की चंपारण मटन शॉर्ट फिल्म को ऑस्कर की एक कैटैगरी में सिलेक्ट किया गया था। चंदन पंचायत वेबसीरीज में अपनी अदाकारी दिखा चुके हैं।
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