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    बिना पद स्वीकृति के ही 50 साल से चल रहा था ला कालेज

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 31 Jan 2022 05:46 PM (IST)

    अमरेंद्र कांत सहरसा सहरसा वर्ष 1971 में रविनंदन मिश्र स्मारक ला कालेज स्थापित होने के बाद

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    बिना पद स्वीकृति के ही 50 साल से चल रहा था ला कालेज

    अमरेंद्र कांत, सहरसा : सहरसा वर्ष 1971 में रविनंदन मिश्र स्मारक ला कालेज स्थापित होने के बाद वर्ष 1981 में सरकार ने अंगीभूत भी कर दिया लेकिन इन 50 वर्षों में शिक्षक का पद स्वीकृत नहीं हो पाया। बिना पद स्वीकृत हुए ही पार्ट टाइम शिक्षक से पढ़कर छात्र वकील बनते रहे। अब बार काउंसिल आफ इंडिया व हाइकोर्ट ने दो वर्षों से कालेज में नामांकन पर ही रोक लगा दी है। जिस कारण कोसी क्षेत्र के युवा वकील बनने की पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं।

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    क्या है मामला

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    भागलपुर टीएनबी ला कालेज के एक छात्र कौशल किशोर ने बार काउंसिल आफ इंडिया से शिकायत किया कि कालेज में फैकल्टी के शिक्षक नहीं हैं। जिसके बाद बार काउंसिल ने सूबे के सभी 27 ला कालेज में उपलब्ध संसाधन व शिक्षक के संबंध में जांच शुरू की। जिसमें कोई भी ला कालेज मानक पर खड़ा नहीं उतरा। हालांकि 17 ला कालेज ने संसाधन को बेहतर बना लिया तो उन कालेज को बार काउंसिल से संबंद्धता मिल गई। 10 ला कालेज जिसमें सहरसा, पूर्णिया, कटिहार समेत अन्य जगह के ला कालेज हैं वह मानक पर खड़ा नहीं उतर सका। इसी बीच हाईकोर्ट में दायर रिट याचिका संख्या 3636 के आलोक में हाईकोर्ट ने सहरसा के ला कालेज के नामांकन पर वर्ष 2019 से रोक लगा दिया।

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    ला कालेज में एक भी शिक्षक नहीं है स्थायी

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    सहरसा के ला कालेज में एक भी शिक्षक का पद स्थायी नहीं है। पार्ट टाइम शिक्षक के बदौलत कालेज चल रहा था। इस बीच बार काउंसिल आफ इंडिया ने कम से कम 14 शिक्षक, छद्म न्यायालय व संसाधन की कमी को पूरा करने का निर्देश दिया। यह भी कहा कि शिक्षक की डिग्री एलएलएम होनी चाहिए। जबकि यहां पार्ट टाइम शिक्षक की डिग्री एलएलबी ही थी।

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    पढ़ाई के लिए परेशान हैं विद्यार्थी

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    वर्ष 2020-21 में नामांकन के लिए जांच परीक्षा का आयोजन भी कर लिया गया लेकिन नामांकन नहीं हो सका। जबकि इस ला कालेज से पढ़ाई करने वाले कई छात्र न्यायाधीश बने हैं। नामांकन के लिए जांच परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र समरजीत कुमार, विभूति शंकर ने बताया कि कोसी क्षेत्र में एक मात्र ला कालेज है उसपर भी ग्रहण लग जाने से परेशानी बढ़ गई है।

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    कालेज प्रशासन ने विवि को भेजा है प्रस्ताव

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    कालेज में नामांकन बंद होने के बाद पूर्व विधायक किशोर कुमार की अगुवाई में विवि के कुलपति से एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। जिसमें कालेज से प्रस्ताव भेजने को कहा गया। जिस आलोक में कालेज प्रशासन तत्काल अंशकालिक शिक्षक की बहाली व संसाधन को दुरुस्त करने की बात कही है।

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    कालेज के प्रस्ताव पर कार्रवाई की जाएगी। जबकि पद की स्वीकृति के लिए भी प्रयास कर ला कालेज में पढ़ाई की व्यवस्था कराई जाएगी।

    प्रो. डा. आरकेपी रमण, कुलपति, भूना मंडल विवि, मधेपुरा