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    Bihar election 2025: भाजपा के लिए चुनौती बना बिहार का ये इलाका, 20 सालों में सिर्फ एक सीट का इजाफा

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 04:30 PM (IST)

    सहरसा से प्राप्त खबरों के अनुसार समाजवादी पृष्ठभूमि वाले कोसी क्षेत्र में भाजपा अभी भी अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रही है। कोसी क्षेत्र की 13 विधानसभा सीटों में से वर्तमान में भाजपा केवल दो पर ही काबिज है। सहरसा विधानसभा क्षेत्र में पहली बार 2005 में भाजपा का कमल खिला था।

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    कोसी में बीस सालों में एक से दो सीट पर पहुंची भाजपा। फाइल फोटो

    कुंदन, सहरसा। समाजवादियों की धरती रही कोसी में अब भी भाजपा का दबदबा नहीं बन पाया है। कोसी की 13 सीटों में से अब भाजपा दो सीटों पर काबिज है। इसके लिए भाजपा को बीस साल इंतजार करना पड़ा है।

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    2005 में पहली बार खिला था कमल

    सहरसा विधानसभा सीट पर पहली बार 2005 में कमल खिला था। यहां भाजपा की टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे संजीव झा ने राजद के दिग्गज शंकर टेकरीवाल को शिकस्त दी थी।

    कोसी की 13 सीटों में से एकमात्र सीट पर भाजपा ने अपना खाता खोला था। इसके बाद 2010 में भाजपा के आलोक रंजन ने जीत का परचम लहराया था।

    2015 में जदयू और राजद के एक साथ आने के बाद भाजपा यह सीट हार गयी थी। वहीं 2020 के चुनाव में एक बार फिर यह सीट भाजपा के कब्जे में चली गयी।

    2015 में छातापुर सीट पर रहा था कब्जा

    वहीं 2015 में राजद-जदयू एक साथ चुनावी मैदान में उतरा था तब कोसी में सुपौल जिले के छातापुर में भाजपा को जीत मिली थी। यहां वर्तमान में पीएचइडी मंत्री नीरज कुमार बबलू ने जीत दर्ज की थी।

    2005 से जदयू से नीरज कुमार बबलू ने अपना राजनीतिक सफर शुरू किया। 2005 और 2010 में जदयू के टिकट पर उन्होंने जीत हासिल की, फिर वैचारिक मतभेद के कारण उन्होंने 2015 में भाजपा का दामन थाम लिया।

    2015 के चुनाव में जदयू और राजद एक साथ चुनावी मैदान में उतरी थी। कोसी की 13 सीटों में से 12 सीटों पर महागठबंधन ने जबरदस्त जीत हासिल की थी।

    2015 में 7 सीटों पर लड़ी थी भाजपा

    2015 के चुनाव में कोसी के 13 सीटों में से भाजपा ने सात सीटों पर अपनी दावेदारी दी थी। इस चुनाव में सहरसा से एक, सुपौल से चार और मधेपुरा से दो सीटों पर भाजपा ने अपने उम्मीदवार उतारे थे, जबकि लोजपा ने कोसी की चार सीटों पर चुनाव लड़ा था।

    इसमें सहरसा में सिमरीबख्तियारपुर और सोनवर्षा सुरक्षित, मधेपुरा में आलमनगर और सुपौल में त्रिवेणीगंज सुरक्षित सीट से अपने उम्मीदवार दिए थे।

    हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने सिंहेश्वर सीट से अपना उम्मीदवार दिया था। जबकि रालोसपा ने महिषी विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार खड़ा किया था।