Bihar: कोर्ट रूम में बजी मोबाइल की घंटी तो देना पड़ेगा भारी जुर्माना, जेल की भी खानी पड़ सकती है हवा
बिहार के सहरसा जिला न्यायालय के कोर्ट रूम में मोबाइल फोन को बंद या साइलेंट मोड में रखने की निर्देश की अवहेलना करनेवालों को अब जुर्माना भरना होगा। मंगलवार को सहरसा जिला न्यायालय के कोर्टरूम में एक व्यक्ति का फोन अचानक बज उठा जिससे सुनवाई में कुछ देर के लिए बाधा पैदा हो गई जिसके बाद कोर्ट ने इसे लेकर सख्त निर्देश दिया है।
जागरण संवाददाता, सहरसा: बिहार के सहरसा जिला न्यायालय के कोर्ट रूम में मोबाइल फोन को बंद या साइलेंट मोड में रखने की निर्देश की अवहेलना करनेवालों को अब जुर्माना भरना होगा।
मंगलवार को सहरसा जिला न्यायलय कोर्ट रूम में न्यायिक दंडाधिकारी अमित कुमार सिंह मुकदमों की सुनवाई कर रहे थे।
इसी दौरान न्यायालय कक्ष में मौजूद सहरसा के सोनवषा राज थानाक्षेत्र के श्रवण कुमार की रिंगटोन जोर-जोर से बजने लगी। मोबाइल फोन की रिंगटोन के शोर के कारण मामले की सुनवाई को थोड़ी देर के लिए रुक सी गई।
फोन जब्त करने का दिया आदेश
न्यायिक दंडाधिकारी ने श्रवण कुमार की इस लापरवाही पर उनका मोबाइल फोन जब्त करने का आदेश दिया। जिसके बाद उनका मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया।
हालांकि सुनवाई के बाद श्रवण कुमार द्वारा न्यायालय से लिखित माफी मांगने और अधिवक्ताओं के निवेदन पर चेतावनी के साथ मोबाइल वापस किया गया।
अवहेलना पर मिल सकती है न्यायिक हिरासत तक की सजा
उल्लेखनीय है कि न्यायालयों के कोर्टरूम के अंदर मोबाइल फोन बंद रखने या साइलेंट रखने की लिखित चेतावनी दी गयी है। इसके बावजूद आए दिन इस निर्देश की अवहेलना की जाती है।
जिससे मामलों के निर्बाध सुनवाई में बाधा उत्पन्न होती है। न्यायालय के कड़े रुख के बाद अब न्यायालय कक्ष में मोबाइल बजने पर आर्थिक दंड या न्यायिक हिरासत तक की सजा दी जा सकती है।
अधिवक्ता के साथ दुर्व्यवहार से खिलाफ बार एसोशिएशन का कार्य बहिष्कार
जागरण संवाददाता, सुपौल: अधिवक्ता के साथ एक न्यायाधीश द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने से आक्रोशित जिला बार एसोशिएशन ने मंगलवार को न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया। इससे मंगलवार को न्यायालय कार्य से आए लोगों को बैरंग लौटना पड़ा।
जिला बार एसोशिएशन के सचिव विनय कुमार मिश्र ने बताया कि अधिवक्ता 28 अगस्त को एक केस की पैरवी न्यायालय पहुंचे थे, लेकिन बारिश में उनका कोट भींग जाने के कारण वह बिना कोट के ही थे। जबकि वे पैंट, सफेद शर्ट और बैंड में थे।
कोर्ट द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने दोबारा ऐसा नहीं करने की बात कही। इसके बावजूद न्यायाधीश गुस्से में आकर उनको अनाप-शनाप बोलने लगे। वे सब कुछ सुनते रहे। बोलते-बोलते उन्होंने वकील को जेल भेज देने तक की धमकी दी। इसके बाद वे उनके सीनियर तक के बारे में भी अपमानजनक शब्द का प्रयोग कर गये।
संघ को दिए आवेदन में पीड़ित अधिवक्ता ने कहा है कि उन्हें अधिवक्ताओं, मोवक्किल, न्यायालय कर्मी के समक्ष जानबूझकर जलील किया गया और अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करते हुए जेल भेजने की धमकी दी गई।
आवेदन प्राप्त होने के बाद मंगलवार को बार एसोशिएशन की बैठक आयोजित की गई, जिसमें निर्णय लिया गया कि मंगलवार को संघ न्यायिक कार्यों से अलग रहेगा और अगले दिन बुधवार से उक्त कोर्ट का बहिष्कार अनिश्चितकालीन तक करेगा।
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