मैथिली साहित्य के अनुपम धरोहर थे मायानंद मिश्र
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सहरसा। पीजी सेंटर में गुरुवार को साहित्य अकादमी से पुरस्कृत साहित्यकार मायानंद मिश्र स्मृति समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का उद्घाटन डॉ. भीमनाथ झा, डॉ. देवशंकर नवीन, डॉ. महेन्द्र झा, मैथिली विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ.रंजीत कुमार सिंह, प्रधानाचार्य प्रो.डॉ.डीएन.साह, डॉ.कुलानंद झा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। डॉ. विद्यानंद मिश्र के द्वारा आयोजित कार्यक्रम का संयोजन प्रो.डॉ. रंजीत सिंह व संचालन डॉ. केएम ठाकुर के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ में गोसाउनि गीत भारती झा व स्वस्ति वाचन पंडित आनंद मिश्र ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर डॉ. देवशंकर नवीन लिखित लोकमान्य मायानंद पुस्तक का विमोचन भी किया गया। प्रधानाचार्य प्रो. डॉ. डीएन साह ने कहा कि मायानंद मिश्र मैथिली साहित्य के अनुपम धरोहर थे। प्रो. डॉ.रंजीत कुमार सिंह ने कहा मायानंद बाबू अछ्वुत व्यक्तित्व के धनी थे। डॉ. भीमनाथ झा ने कहा कि लक्ष्मीनाथ गोसाई एवं मंडन मिश्र की पावन धरती पर माया बाबू अद्वितीय साहित्यकार हुए। उन्होंने कविता संग्रह में दिशांतर व अवांतर, कथा संग्रह में भांगक लोटा, आगि मोम पाथर, चंद्रबिदू, अभिनन्दन, उपन्यास में बिहाड़ि पात आ पाथर, खोंता आ चिड़ै, मंत्रपुत्र, सूर्यास्त, मैथिली साहित्यिक इतिहास, भारतीय परम्पराक भूमिका, अभिव्यंजना, मैथिली गद्य पद्य संग्रह, गद्य किरण व किसुन रचनावली के माध्यम से अमिट छाप छोड़ गए। उनकी अमूल्य रचना सदियों तक समाज को पथ प्रदर्शित करेगा। मैथिली साहित्य के विद्वान रचनाकार ललित, राजकमल व मायानंद के बीच आपसी तारतम्य था। वे मैथिली भाषा के संरक्षण व संवर्धन के लिए जीवन पर्यन्त मैथिली अभियानी की तरह संघर्षरत रहे। मैथिली साहित्य में उनके अवदान को भुलाया नहीं जा सकता। डॉ देवशंकर नवीन ने कहा कि मायानंद मिश्र सम्पूर्ण मिथिला ही नहीं अपितु पूरे देश के धरोहर हैं। वर्ष 1988 में मंत्रपुत्र पुस्तक पर उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। उन्होंने मायानंद मिश्र के नाम पर बीएनएमयू में ''चेयर'' की स्थापना करते हुए प्रतिवर्ष मायानंद स्मृति समारोह का आयोजन करने की मांग की। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। मौके पर आरएम कालेज प्रधानाचार्य डॉ. अरूण कुमार खॉ, पूर्व प्राचार्य पीसी खां, डॉ. रेणु सिंह, गोपाल नारायण झा, विक्रमादित्य खां, डा. अंजना पाठक, डा. डीएन झा, डा.अर्चना चौधरी, डा.कविता कुमारी, डा.अशोक कुमार सिंह, डा.सुभाष चन्द्र सिंह, डा.विमल कुमार सिंह, डा.सुमन कुमार, डा. बलवीर झा, डा.अभय कुमार, डा.प्रशांत कुमार मनोज, डा.नूनूमणि सिंह, फूल झा, सत्यप्रकाश, पारस कुमार झा, सुमन समाज, विमल मिश्र, किसलय कृष्ण, हरिशंकर तिवारी, भोगेंद्र शर्मा, अरविद कुमार नीरज, भवानंद मिश्र, शैलेन्द्र शैली, पंकज सिंह, डॉ. संजीव कुमार, डॉ. लीना सिंह, हरिशंकर तिवारी, संजय कुमार वशिष्ठ सहित अन्य मौजूद थे।

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