सहरसा को मिलेगी जाम से मुक्ति, तीन दशक बाद शुरू हुआ बंगाली बाजार ओवरब्रिज का निर्माण
सहरसा में तीन दशक से लंबित बंगाली बाजार ओवरब्रिज का निर्माण जिलाधिकारी दीपेश कुमार की उपस्थिति में भूमि पूजन के साथ शुरू हो गया। जिलाधिकारी ने दो वर्ष में कार्य पूरा करने का आग्रह किया। जाम की समस्या से मुक्ति मिलने की उम्मीद में लोगों की आंखें खुशी से छलक उठीं।

संवाद सूत्र, सहरसा। तीन दशक से बंगाली बाजार ओवरब्रिज निर्माण के नाम पर हुई राजनीति, वादे, दावे,आश्वासनों व अटकलों का दौर समाप्त हो गया। बुधवार को जिलाधिकारी दीपेश कुमार व डीडीडी संजय कुमार निराला की उपस्थिति में भूमि पूजन पश्चात डीबी रोड से निर्माण के लिए विधिवत कार्य प्रारंभ कर दिया।
मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि हालांकि इसको पूरा करने की अवधि ढाई वर्ष निर्धारित है, परंतु उन्होंने पुल निगम के अधिकारियों से इसमें और तेजी लाने का आग्रह किया। और निगम के अधिकारियों दो शिफ्ट में दिन रात इस कार्य को चलाकर दो वर्ष के अंदर ही पूरा करने का आश्वासन दिया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि बढ़ती जाम की समस्या के कारण सहरसा के लोगों की लंबे समय से इसकी मांग थी। इसलिए आरओबी का निर्माण शुरू होना बेहद ही खुशी का विषय है। उन्होंने सहरसा के लोगों से इस कार्य में सहयोग की अपील किया। स्थानीय लोगों ने डीएम को पाग- चादर से सम्मानित किया।
एक दिन पूर्व से ही लगातार सड़क पर रहे प्रशासनिक अधिकारी
ओवरब्रिज निर्माण प्रारंभ करने के लिए मंगलवार से ही जिलाधिकारी के निर्देश पर सदर एसडीओ श्रेयांश तिवारी, एसडीपीओ आलोक कुमार, यातायात डीएसपी अजीत कुमार समेत अन्य अधिकारी डीबी रोड में बैरिकेडिंग व अन्य व्यवस्था को लेकर तत्पर रहे।
रात में ही पूरी तैयारी कर ली गई थी। थाना चौक से ही चार पहिया वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दिया गया है। डीबी रोड राजदरबार गली के समीप ये ही इसे वन वे कर दिया गया है। जहां से विधिवत कार्य प्रारंभ कर दिया गया।
खुशी से छलक उठी सहरसावासियों की आंखें
सहरसा के जिन लोगों ने बीते दिनों बंद रेलवे गुमटी पर एंबुलेंस में मरीज को दम तोड़ते, दमकल नहीं निकल पाने के कारण दर्जनों आशियाना को राख होते देखा है, निर्माण शुरू होने से खुशी से उनकी आंखें छलक उठी।
जाम के कारण प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र समय पर नहीं पहुंच पाने के कारण केंद्र में प्रवेश नहीं पाते थे। उनकी परीक्षा छूट जाती थी। कर्मचारी समय पर कार्यालय पहुंच पाएंगे या स्कूल से लौट रहे बच्चे कब घर पहुंचेंगे, इसकी गारंटी नहीं रही। इस कारण जिले के नेताओं की भी खूब फजीहत हुई।
कई अवरोध भी आए, परंतु वर्तमान जिलाधिकारी का दृढ़ संकल्प काम आया। आरओबी निर्माण आखिरकार शुरू हो गया। हर व्यक्ति इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनना चाह रहे थे। युवाओं में सेल्फी लेने और वीडियो बनाने की होड़ मची रही।
जिन लोगों ने पूरी तरह ओवरब्रिज को लेकर उम्मीद खो दिया था, उनका भरोसा भी जग गया कि वो भी अब सहरसा में ओवरब्रिज देख पाएंगे। और जाम की समस्या का स्थायी समाधान होगा।
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