अब आर्ट्स और कॉमर्स करने वाले भी कर सकेंगे बीसीए, गणित की अनिवार्यता खत्म
अब 12वीं में आर्ट्स या अन्य संकाय के छात्र भी बीसीए में नामांकन करा सकेंगे, गणित की अनिवार्यता समाप्त। एआईसीटीई ने सत्र 2026-27 के लिए ब्रिज कोर्स तैयार किया है। पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड बीबीए एमबीए और बीसीए-एमसीए कोर्स शुरू किए गए हैं, जो अगले सत्र से लागू होंगे। अब 12वीं में 45% अंक अनिवार्य होंगे। कॉलेजों में इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू होने से छात्रों की संख्या बढ़ने की संभावना है।

अब आर्ट्स और कॉमर्स करने वाले भी कर सकेंगे बीसीए, गणित की अनिवार्यता खत्म
संवाद सूत्र, नवहट्टा (सहरसा)। अब 12वीं में आर्ट्स या अन्य संकाय की पढ़ाई करने वाला विद्यार्थी भी बीसीए में नामांकन ले सकेंगे। अब तक बीसीए में नामांकन के लिए 12वीं में गणित की अनिवार्यता लागू थी। अब इसे समाप्त कर दिया गया है। किसी भी संकाय से पढ़ाई करने वाला छात्र अब बीसीए में नामांकन करा सकेगा।
यह नई व्यवस्था अगले शैक्षणिक सत्र से लागू हो जाएगी। सत्र 2026-27 के लिए एआईसीटीई की ओर से ब्रिज कोर्स तैयार किया गया है। इसके तहत 12 वीं में साइंस की पढ़ाई नहीं करने वाले विद्यार्थी भी बीसीए में नामांकन करा सकेंगे। इसे इंटीग्रेटेड कोर्स का नाम दिया या है।
एआईसीटीई की ओर से पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड बीबीए एमबीए और बीसीए-एमसीए कोर्स की शुरुआत की गई है। इसे अगले शैक्षणिक सत्र से बीआरएबीयू समेत सभी विश्वविद्यालयों के लिए लागू किया जाएगा।
अब तक बीआरएबीयू में संचालित होने वाले बीसीए कोर्स में नामांकन के लिए 12 वीं की पढ़ाई साइंस स्ट्रीम से करना अनिवार्य बनाया गया था।
किसी भी स्ट्रीम के विद्यार्थी का बीसीए कोर्स में नामांकन के लिए बस अब 12 वीं में 45 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा। एआईसीटीई की ओर से इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू करने की जानकारी बीआरएबीयू को दी है। इसको लेकर पत्र भी भेजा गया है। इसमें नए इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू किए जाने की बात कही गई है।
कई कॉलेजों में शुरू होंगे नए कोर्स
अगले शैक्षणिक सत्र से विश्वविद्यालय के तहत आने वाले कई कालेजों में इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू होंगे। इससे आर्ट्स और वाणिज्य संकाय वाले विद्यार्थियों की दिलचस्पी भी बीसीए की तरफ बढ़ेगी। अभी अधिकांश सभी कालेजों में बीसीए कोर्स की पढ़ाई होती है।
दूसरी ओर, कुछ प्रीमियर कॉलेजों को छोड़कर बाकी में संचालित होने वाले बीसीए कोर्स में काफी संख्या में सीटें खाली रह जाती हैं। मुरादपुर निवासी शिक्षाविद् डॉ. नारायण झा बताते हैं कि इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू होने से अब इसमें छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ सकती है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।