'चुप्पी तोड़ें लालू यादव, पार्टी और परिवार को बचाएं'; सहरसा में बोले आनंद मोहन
सहरसा में पूर्व सांसद आनंद मोहन ने लालू परिवार में चल रहे विवाद पर चिंता जताई। उन्होंने लालू प्रसाद से हस्तक्षेप कर परिवार और पार्टी को बचाने का आग्रह किया। उन्होंने एनडीए की जीत का श्रेय महिला मतदाताओं को दिया और महागठबंधन की हार का कारण आपसी मतभेद को बताया। उन्होंने विपक्ष के ईवीएम आरोपों पर भी प्रतिक्रिया दी।

लालू प्रसाद यादव और आनंद मोहन।
संवाद सत्र, सहरसा। पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा कि लालू प्रसाद के परिवार में जो कुछ चल रहा है, वह ठीक नहीं है। पार्टी और परिवार दोनों के अभिभावक हैं। इस हैसियत से उन्हें चुप्पी तोड़ना चाहिए और हस्तक्षेप कर परिवार और पार्टी को बचाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि चूंकि यह बातें सामने आ रही है कि बाहरी हस्तक्षेप के कारण यह सब कुछ हो रहा है। ऐसे में उन्हें सामने आना चाहिए। वो सोमवार को अपने सहरसा स्थित आवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे।
बिहार में एनडीए को मिली प्रचंड बहुमत के संबंध में उन्होंने कहा कि इसकी पहले ही लोगों को उम्मीद थी।
इस विधानसभा चुनाव में साढ़े 46 लाख अधिक महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। पुरुष मतदाताओं के मत में दो प्रतिशत और महिला मतदाताओं के मत में पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी इस जीत का सबसे बड़ा कारण बना।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन एनडीए के खिलाफ लड़ने के बजाय अपने घटक दलों से लड़ाई में लगा रहा। वीआईपी राजद के खिलाफ, राजद कांग्रेस के खिलाफ और कांग्रेस वामदल से लड़ता रहा। इन्हीं कारणों से इस तरह की शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा।
विपक्ष के आरोप के संबंध में उन्होंने कहा कि जब बंगाल में, केरल में, झारखंड आदि में जीत हो जाती है, तो वह जनादेश हो जाता है, लेकिन जहां उनकी हार हो जाती है, तो उसी ईवीएम व चुनाव आयोग में गड़बड़ी की बात होने लगती है। आनंंद मोहन ने कहा कि जो हमेशा से मतहरण करते रहे, वे दूसरे पर बूथ लूट व वोट चोरी का आरोप लगाते हैं।
पूर्व सांसद ने कहा कि जब शिवहर से मेरे 47 सौ मत से जीत की घोषणा हुई, तो हमें लग रहा था कि इतने कम मत से कैसे जीत हुई। उसके बाद हमें जबरन 917 मत से हरा दिया गया। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी ने संविधान को सबसे अधिक बूट से कुचला। अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरा पैदा किया। 39 वां संशोधन कर संविधान को दुरूपयोग किया। पूरे देश को कारागार में तब्दील कर दिया, वो अब संविधान रक्षा की बात करते हैं।
चेतन आनंद को मंत्री बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिस उम्मीद से उसे सुखाड़वाले क्षेत्र में भेजा गया, उसे जीत कर वह गठबंधन के उम्मीद पर खड़ा उतरा। कहा कि काश वे इस क्षेत्र में होते तो सहरसा की यह दोनों सीट भी एनडीए की झोली में होती।

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