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    भक्ति रस के जन्मदाता थे कवि विद्यापति

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    Updated: Sun, 20 Nov 2016 04:55 PM (IST)

    सहरसा। भक्ति रस के जन्मदाता थे कवि विद्यापति। उन्होंने अपने समय में श्रृंगार व भक्ति रस की रचना कर न

    सहरसा। भक्ति रस के जन्मदाता थे कवि विद्यापति। उन्होंने अपने समय में श्रृंगार व भक्ति रस की रचना कर न सिर्फ लोगों को ईश्वर के प्रति जागृत किया। बल्कि भक्ति रस की रचना व गायन से भगवान शंकर को भी अपने कुटिया में आने पर विवश कर दिया। उक्त बातें प्रखंड के विशनपुर पंचायत स्थित विद्यापति धाम लक्ष्मीनियां में आयोजित दो दिवसीय विद्यापति पर्व समारोह सह मिथिला संस्कृति महोत्सव के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी पवन कुमार ठाकुर ने शनिवार की देर रात कही। उन्होंने विद्यापति धाम के विकास में हरसंभव सहयोग करने की भरोसा स्थानीय लोगों को दिया। वहीं विशिष्ट अतिथि डॉ. अवनीश कर्ण ने कहा कि वर्तमान समय में मैथिली की प्रासंगिकता और बढ़ गई है। उन्होंने मैथिली भाषा के महत्व पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि यूपीएससी में मैथिली भाषा को शामिल किये जाने से इस वर्ष 19 छात्रों ने सफलता हासिल किया। भूमि दाता देवनाथ प्रसाद यादव की अध्यक्षता एवं अमित कुमार दीपक के संचालन में आयोजित विद्यापति पर्व समारोह सह मिथिला संस्कृति महोत्सव में कवि विद्यापति के कृतित्व पर चर्चा की गयी। ग्रामीणों ने उपस्थित अतिथियों को पाग व वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। वक्ताओं ने इस धाम के संस्थापक भोगेन्द्र शर्मा को साधुवाद दिया। इस मौके पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रो. विद्यानंद मिश्र, प्रो. अर¨वद मिश्र, श्रीनाथ ठाकुर, सुभाष झा, पूर्व मुखिया अरविन्द यादव, पप्पू यादव, मनोज यादव, सत्यनारायण चौपाल आदि मौजूद थे।

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