फ्रेट कॉरिडोर रेललाइन पर अभी और करना होगा इंतजार
रोहतास। दुर्गावती से सासाराम तक बन कर तैयार डीएफसीसी रेल लाइन पर मालवाहक ट्रेन परिचालन को ले अभी और समय लगेगा।
रोहतास। दुर्गावती से सासाराम तक बन कर तैयार डीएफसीसी रेल लाइन पर मालवाहक ट्रेन परिचालन को ले लोगों को अभी और इंतजार करना होगा। एक वर्ष पूर्व ट्रायल के तौर पर मालवाहक ट्रेन को दौड़ाने के बाद लोगों में यह उम्मीद जगी थी कि जल्द ही फ्रेट कॉरिडोर रेललाइन पर रेलगाड़ियां दौड़ेंगी। लेकिन इस कार्य को पूरा करने में अभी भी कई पेंच सामने हैं। सासाराम से आरा व पटना के लिए खुलने वाली ट्रेनों के लिए अलग से प्लेटफार्म व आरा-सासाराम रेल लाइन को अलग करने का कार्य तय समय पर पूरा नहीं हो पाएगा।
31 मार्च तक पूरा करना है एफओबी व नए प्लेटफार्म का कार्य :
आरा-सासाराम रेलखंड पर चलने वाली ट्रेनों के ठहराव के लिए यहां पर बन रहे अलग से प्लेटफार्म व नए एफओबी का विस्तार कार्य को पूरा करने के लिए विभाग ने 31 मार्च तक का समय तय किया है। लेकिन प्लेटफार्म व एफओबी का निर्धारित समय पर पूरा करना कार्य एजेंसी के लिए संभव नहीं दिख रहा है। कच्छप गति से हो रहे कार्य से इसे पूरा होने में कम से कम और तीन माह का समय लग सकता है। धीमी गति से हो रहे प्लेटफार्म निर्माण कार्य के कारण आरा- सासाराम रेलखंड को मेन लाइन से विखंडन का काम पूरा नहीं हो पाएगा। यही नहीं डीएफसीसी को सासाराम में दोनों तरफ मेन लाइन से जोड़ने का कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है। वहीं एजेंसी की लापरवाही के कारण कार्य अधर में पड़ा हुआ है।
दो वर्ष पूर्व ट्रायल के तौर पर दौड़ चुकी है मालवाहन ट्रेन :
दुर्गावती से लेकर सासाराम तक 57 किलोमीटर बन कर फ्रेट कॉरिडोर रेल लाइन को चालू करने को ले कवायद भी की जा चुकी है। ट्रायल के तौर पर दो वर्ष पूर्व कोयला लदे मालवाहक ट्रेन को निर्धारित गति में चलाया जा चुका है। उसके बाद मुख्य संरक्षा आयुक्त के अंतिम निरीक्षण व तकनीकी पेंच के कारण परिचालन शुरू करने संबंधी निर्णय अधर में लटका हुआ है। जानकारी के मुताबिक डीएफसीसी पर ट्रेन परिचालन शुरू करने में सासाराम से आरा व पटना के लिए खुलने वाली ट्रेनें व मेन लाइन से नहीं जोड़ा जाना मुख्य रूप से बाधक है। जिस पर फिलहाल कार्य जारी है। जबतक आरा-सासाराम रेलखंड को डीएफसीसी के रास्ते मेन लाइन से नहीं जोड़ा जाएगा तब तक परिचालन प्रारंभ संबंधी कोई भी निर्णय अंतिम रूप से नहीं लिया जा सकता।
नई ट्रेनों के ठहराव को लेकर भी करना होगा इंतजार :
मुगलसराय व गया के बीच फिलहाल यात्री किराया से सबसे अधिक राजस्व देने वाले इस स्टेशन पर राजधानी समेत अन्य ट्रेनों के ठहराव संबंधी मांग रेल मंत्रालय के पास लंबित है। सांसद समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने मंत्री से ले अधिकारियों को पत्र सौंप मांगों की एक लंबी सूची दी है। जिसमें राजधानी के अलावा हावड़ा-बीकानेर एक्सप्रेस समेत अन्य महत्वपूर्ण एक्सप्रेस का नाम शामिल है। साथ ही डेहरी तक चलने वाली बरवाडीह- डेहरी पैसेंजर, गया-डेहरी पैसेंजर, पलामू एक्सप्रेस का सासाराम तक परिचालन विस्तार का प्रस्ताव वर्षों से लंबित है। आरा-सासाराम रेलखंड के माध्यम से रांची तक भी ट्रेन चलाने की मांग क्षेत्रीय सांसदों ने रेलवे से की है। लेकिन वर्तमान में ठहराव व ट्रेनों की टर्निंग के लिए पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण फिलहाल प्रस्ताव विचारार्थ रखा गया है।
विश्वस्तरीय की सूची में शामिल है स्टेशन:
ऐतिहासित व धार्मिक महत्व रखने वाले इस स्टेशन को इसबार केंद्र सरकार ने विश्वस्तरीय की सूची में शामिल कर उसके अनुरूप विकसित करने का निर्णय लिया है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए पारित आम बजट में रेलवे ने जिन-जिन स्टेशनों को विश्व स्तरीय बनाने का निर्णय लिया है, उसमें सासाराम का भी नाम शामिल है। साथ ही यहां पर एक फ्लाई ओवर निर्माण की योजना भी शामिल की गई है।
कहते हैं अधिकारी :
दर्जा के अनुरूप स्टेशन को विकसित व यात्रियों को सुविधा मुहैया कराने की दिशा में विभाग की तरफ से यहां पर आधा दर्जन से अधिक विकास कार्य को मंजूरी दी गई है। जिसमें से कुछ पर काम प्रारंभ है, तो कुछ प्रक्रिया में है। डीएफसीसी को मेन लाइन से जोड़ने व आरा-सासाराम रेलखंड के लिए नए प्लेटफार्म व एफओबी का कार्य प्रगति पर है। उम्मीद है जल्द ही कार्य पूरा हो जाएंगे। कार्य पूरा होने के बाद डीएफसीसी पर मालवाहन ट्रेन चलाने का मार्ग भी प्रशस्त हो जाएगा।
उमेश कुमार, स्टेशन प्रबंधक
रिपोर्ट- धनंजय पाठक, संपादन : चंद्रदेव ¨सह
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