स्वदेश दर्शन योजना से संवर रहा शेरशाह मकबरा, सब्जी विक्रेताओं से मुक्त हुआ प्रवेश द्वार
सासाराम में शेरशाह मकबरा का स्वदेश दर्शन योजना के तहत नवीनीकरण किया जा रहा है। मुख्य द्वार को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है और सब्जी विक्रेताओं से मुक्त कराया गया है। सरकार ने सासाराम को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है, जिससे जिले में रोजगार और समृद्धि बढ़ने की उम्मीद है।

शेरशाह मकबरा का प्रवेश द्वार
जागरण संवाददाता, सासाराम (रोहतास)। अफगान वास्तुकला के प्रतीक शेरशाह मकबरा के दिन बहुरने लगा है। लगभग दो वर्ष पूर्व केंद्र सरकार द्वारा रोहतास जिले के दो धरोहरों को स्वदेश भारत दर्शन योजना में शामिल किए जाने के बाद इन विरासतों को संवारने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
समाहरणालय के पास बने मुख्य द्वार को रंग-रोगन कर उसे रंग-बिरंगी लाइटों से सजा दिया गया है। वहीं मकबरा को भी संवारने का काम किया जा रहा है ताकि सैलानियों व पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो सके। साथ ही मुख्य द्वार को सब्जी विक्रेताओं के कब्जे से भी मुक्त करा दिया गया है।
सब्जी विक्रेताओं के कब्जे में मुख्य द्वार
दुकानदारों के कब्जे से मुख्य द्वार कब तक मुक्त रहेगा, यह तो आने वाला दिन ही बताएगा। कारण कि रौजा रोड का प्रवेश स्थल अभी भी सब्जी विक्रेताओं के कब्जे में है।
बता दें कि दो वर्ष केंद्र सरकार ने जिले के कैमूर पहाड़ी पर स्थित रोहतासगढ़ किला व उसके समीप के कैमूर वन्य प्राणी अभ्यारण्य इलाके के अलावा शेरशाह मकबरा को स्वदेश दर्शन भारत 2.0 में शामिल कर उसे विकसित करने का निर्णय लिया था।
सासाराम को सौ पर्यटन केंद्र वाले शहरों में शामिल किया
वहीं चार वर्ष पूर्व सरकार के शिक्षा मंत्रालय व पर्यटन विभाग ने नई शिक्षा नीति के तहत सासाराम को सौ पर्यटन केंद्र वाले शहरों में शामिल करने का काम किया था। इसके लिए राज्य पर्यटन विभाग ने डीएम की अध्यक्षता में एक कार्यान्वयन समिति का भी गठन किया है, जिसमें अधिकारियों के अतिरिक्त विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों को शामिल किया गया है।
इन दोनों स्थलों का समग्र विकास हो इसे लेकर समिति द्वारा व्यापक कार्ययोजना भी बनाई गई है, जिसे धरातल पर उतारने का काम किया जा रहा है।
रोहतास जिला पर्यटन की दृष्टि से समृद्ध जिला माना जाता है। यहां पर दो दर्जन से अधिक सांस्कृतिक व ऐतिहासिक विरासत से जुड़ी धरोहरें हैं, जिसकी अपनी एक पहचान है। इन्हीं धरोहरों में शेरशाह का मकबरा व रोहतासगढ़ किला के अलावा चंदन शहीद पहाड़ी स्थित अशोक शिलालेख, महादेव खोह, तुतला भवानी, मांझर कुंड, धुआं कुंड, ताराचंडी धाम, गुप्ताधाम, पायलट बाबा धाम, दुर्गावती जलाशय, शेरगढ़ किला, चाचा फगुमल गुरुद्वारा प्रमुख रूप से शामिल हैं, जहां पर प्रत्येक वर्ष काफी संख्या में सैलानी व श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं। इससे जिले में रोजगार के साथ-साथ समृद्धि का भी द्वार खुल रहा है।

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