लोकतंत्र की तीर्थ यात्रा: बुजर्ग चाचा को कंधे पर लादकर 30 किलोमीटर पैदल चले सवारथ, लाइन में लगकर किया वोट
रोहतास के चेनारी क्षेत्र में, कैमूर पहाड़ी के गांवों के लोगों ने लोकतंत्र के प्रति अपनी निष्ठा दिखाई। भुरकुंडा, औरइया और उरदगा के ग्रामीणों ने 30 किलोमीटर पैदल चलकर मतदान किया, युवाओं ने बुजुर्गों को सहारा दिया। 782 में से 492 मतदाताओं ने मुश्किलों के बावजूद मतदान कर लोकतंत्र में अपना विश्वास जताया। ग्रामीणों ने मतदान केंद्र की कमी पर निराशा व्यक्त की, फिर भी लोकतंत्र के प्रति उनकी आस्था अटूट है।

रोहतास के चेनारी में सवारथ यादव चाचा को पीठ पर लद मतदान केंद्र पर जाते हुए। फोटो जागरण
अजय कुमार तिवारी, चेनारी (रोहतास)। चेनारी विधान सभा क्षेत्र में पड़ने वाले कैमूर पहाड़ी पर स्थित भुरकुंडा, औरइया और उरदगा गांव की महिलाएं, वृद्ध व युवा मंगलवार को पथरीली पहाड़ी रास्तों पर 30 किलोमीटर पैदल चलकर लोकतंत्र की तीर्थयात्रा पूरी की।
वृद्धों के लिए जहां युवाओं के कंधे व पीठ सहारा बने। न चेहरे पर कोई थकावट, न हीं इस व्यवस्था के लिए जवाबदेहों से कोई शिकायत। अंधेरा रहते ही घर से मुंह हाथ धोकर निकल पड़े। मतदान के बाद जलपान के लिए रात की बची रोटी साथ में लेते गए।
लाइन में लगकर की वोटिंग
सुबह आठ बजते-बजते 15 किलोमीटर लंबी पथरीली और ऊबड़-खाबड़ राह तय कर सामुदायिक गीता घाट आश्रम मतदान केंद्र पर पहुंचकर वहां लगी लंबी कतार में लग गए। इन तीनों गांवों में कुल 782 मतदाता हैं, जिनमें से 492 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर यह साबित कर दिया कि तमाम परेशानियों के बाद भी लोकतंत्र को कमजोर नहीं होने देंगे।
दस बजते-बजते मतदान कर फिर उबड़-खाबड़ पहाड़ी घाटियों की कठिन चढ़ाई कर अपने गांव पहुंचने के लिए निकल गए।औरइया गांव के उत्साही युवा सवारथ सिंह यादव बताते हैं कि उनके वृद्ध चाचा भुज यादव को भी पीठ पर लादकर 30 किलोमीटर पैदल लोकतंत्र रूपी तीर्थयात्रा पूरी की।
कई बुजर्गों को हुई परेशानी
उनके अलावा बीच-बीच में कई युवाओं ने वृद्धों को जगह-जगह कंधे पर बैठाकर मतदान केंद्र तक पहुंचाए। काफी संख्या में महिलाओं ने भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। ग्रामीण दुलार सिंह खरवार, भारत यादव, गोरख यादव, प्रताप खरवार, दीनबंधु खरवार, प्रमोद खरवार, दुलारी देवी, पार्वती देवी समेत अन्य मतदाताओं का कहना है कि आज भी पहाड़ी क्षेत्र के इन तीनों गांवों में मतदान केंद्र नहीं प्रशासन द्वारा बनाया गया, जिससे उन्हें हर चुनाव में पैदल चलकर आना-जाना पड़ता है।
यहां के मतदाता बताते हैं कि हम कैमूर पहाड़ी पर स्थित गांव में भले ही रहते हैं पर लोकतंत्र के इस पर्व में हम किसी से पीछे नहीं रह सकते। भले ही रास्ता कठिन है लेकिन वोट देना हमारे लिए किसी तीर्थ से कम नहीं। जनप्रतिनिधि हों या अधिकारी हमसे किए गए विकास के वादे भले ही भूल जाएं पर लोकतंत्र के प्रति हम लोगों की आस्था इस कैमूर पहाड़ी जितनी अडिग है।
बुजुर्ग बोले- जब तक सांस है डालता रहूंगा वोट
मतदान के प्रति गुरुआ प्रखंड के ग्राम श्रीरामबिगहा निवासी 105 वर्षीय जेठान यादव ने मिसाल पेश की। उम्र के इस पड़ाव में भी उन्होंने बूथ संख्या 335 पर पहुंचकर मतदान किया। बूढ़ी कमर और कांपते हाथों के बावजूद जब वे मतदान केंद्र पहुंचे तो मौजूद मतदाताओं ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया।
उन्होंने मुस्कराते हुए कहा कि जब तक सांस है, तब तक वोट डालता रहूंगा। उनके इस जोश और लोकतंत्र के प्रति आस्था को देखकर ग्रामीणों में उत्साह की लहर दौड़ गई। लोगों ने बताया कि जेठान यादव हर चुनाव में समय पर मतदान करते हैं और गांव के लोगों को भी लोकतंत्र में भागीदारी के लिए प्रेरित करते हैं।

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