सवित्री बाई फुले ने दिया था शिक्षा के साथ नारी सशक्तीकरण का नारा
देश की पहली महिला शिक्षिका का गौरव प्राप्त करने वाली सावित्री बाई फुले ने शिक्षा के साथ साथ नारी सश
देश की पहली महिला शिक्षिका का गौरव प्राप्त करने वाली सावित्री बाई फुले ने शिक्षा के साथ साथ नारी सशक्तीकरण का नारा भी बुलंद करने का कार्य किया था। बाल विवाह, दहेज उन्मूलन जैसी सामाजिक कुरीतियों के विरूद्ध आवाज बुलंद कर अपने जमाने में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार के विरुद्ध भी लड़ाई लड़ी थी। सम्राट अशोक क्लब परसथुआ द्वारा गुरुवार को आयोजित सावित्री बाई फुले के जयंती समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन करने के उपरांत पं. गिरीश नारायण मिश्र महाविद्यालय के सचिव मंजीव मिश्र ने यह बातें कही।
वक्ताओं ने उनकी जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि केंद्र सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम, नारी सशक्तीकरण, राज्य सरकार के बाल विवाह, दहेज प्रथा उन्मूलन, भ्रूण हत्या के विरुद्ध समेत महिलाओं के हित में अन्य कार्यक्रम चलाए जा रहे है, जो सावित्री बाई फुले के विचारों को ही आगे बढ़ाने का कार्यक्रम है। कार्यक्रम मे दो हिस्सा महिलाओं की उपस्थिति रही, पंडाल खचाखच भरा हुआ था। कार्यक्रम में बच्चियों ने सावित्री बाई फुले से संबंधित गीतों से उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इससे पहले आगंतुकों को क्लब के मीडिया प्रभारी कलेंद्र कुशवाहा ने सम्मानित किया। अध्यक्षता विकास विद्यार्थी व संचालन पंकज मौर्य ने किया। कार्यक्रम को कोचस जिला पार्षद धनजी शर्मा, कुदरा जिला पार्षद गायत्री देवी, उमाशंकर कुशवाहा, समाजसेवी खुशबू ¨सह, भीम ¨सह भोथर, सुजीत प्रसाद, ¨पटू मौर्य, सहित अन्य ने संबोधित किया। मौके पर थानाध्यक्ष दीपक कुमार झा, एसआइ प्रभात झा, डॉ. सत्येंद्र ¨सह, संतोष मौर्य, राजेश ¨सह, ज्ञानेश्वर ¨सह, हरेन्द्र कुमार, डॉ. मदन मौर्य, राकेश मौर्य अभिषेक प्रियदर्शी सहित अन्य उपस्थित थे।
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