रोहितेश्वर धाम मंदिर जाने वाले पर्यटकों के लिए खुशखबरी, रोहतासगढ़ रोपवे का ट्रायल शुरू
बिहार के रोहतास में रोहतासगढ़ रोपवे का ट्रायल शुरू हो गया है। रोहितेश्वर धाम मंदिर जाने वाले पर्यटकों को जल्द ही इस सुविधा का लाभ मिलेगा। इस रोपवे के ...और पढ़ें

रोपवे का ट्रायल शुरू। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, रोहतास। प्राचीन रोहतासगढ़ किला एवं रोहितेश्वर धाम मंदिर तक पहुंच को आसान बनाने के लिए निर्मित रोपवे परियोजना अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। रोपवे का सफल ट्रायल शुरू कर दिया गया है, जिससे जल्द ही पर्यटक इस रोमांचक सफर का आनंद ले सकेंगे।
बताया जाता है कि रोपवे निर्माण कार्य की शुरुआत 12 फरवरी 2020 को हुई थी। कई तकनीकी अड़चनों और कठिनाइयों के बावजूद अब यह परियोजना लगभग पूर्ण हो चुकी है।
कोलकाता की रोपवे एंड रिसोर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा दो ट्रॉलियों के साथ ट्रायल किया गया है। निर्माण कार्य में कई एजेंसियां लगी हुई हैं, जिनमें रोप खींचने, टिकट काउंटर, स्टेशन निर्माण तथा बिजली व्यवस्था के लिए अलग-अलग कंपनियां कार्यरत हैं।
करीब 1324 मीटर लंबाई वाले इस रोपवे में कुल पांच टावर लगाए गए हैं। इनमें तीसरे और चौथे टावर के बीच लगभग 40 डिग्री की चढ़ाई है, जो यात्रियों के लिए विशेष रूप से रोमांचकारी अनुभव साबित होगी।
रोपवे का निचला स्टेशन रोहतास प्रखंड मुख्यालय से लगभग 100 मीटर की दूरी पर स्थित है, जबकि ऊपरी स्टेशन रोहितेश्वर धाम मंदिर के समीप बनाया गया है। इससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को मंदिर दर्शन और किले तक पहुंचने में काफी सहूलियत होगी।
अधिकारियों ने दी जानकारी
पुल निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता खुर्शीद करीम ने बताया कि एक ट्रॉली में चार यात्रियों के बैठने की क्षमता है। ट्रॉली की खाली क्षमता 250 किलोग्राम और लोडेड क्षमता 570 किलोग्राम है। फिलहाल ट्रायल के लिए 12 ट्रॉलियां लगाई गई हैं, आवश्यकता पड़ने पर आगे और ट्रॉलियां जोड़ी जाएंगी।
प्रारंभ में निचले स्टेशन पर टिकट काउंटर और प्रतीक्षालय चालू किया जाएगा। लगभग एक माह तक ट्रायल चलने के बाद रोपवे को आम पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।
रोपवे से मिलेगा बड़ा लाभ
रोपवे निर्माण से करीब 1400 फीट ऊंचाई पर स्थित रोहतासगढ़ तक पहुंचना अब आसान हो जाएगा। पहले लोगों को पैदल कठिन चढ़ाई करनी पड़ती थी, लेकिन अब गर्मी, सर्दी और बरसात में भी आवागमन सुगम होगा।
बुजुर्ग, बीमार और असहाय लोग भी आसानी से नीचे-ऊपर आ-जा सकेंगे। पहाड़ पर रहने वाले लोगों को प्रखंड, अंचल, थाना, अस्पताल और बाजार तक पहुंचने में भी सुविधा मिलेगी।
स्थानीय लोगों में खुशी
स्थानीय निवासी विजय गुप्ता नित्यानंद कुमार सज्जाद खान दुकानदार अनिल कुमार ने कहा कि रोपवे के चालू होने से क्षेत्र में पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। पहले सिर पर सामान ढोकर पहाड़ चढ़ना पड़ता था, लेकिन अब रोपवे से व्यापार करना आसान होगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
रोपवे एक नजर में
- कुल लागत: 13 करोड़ 65 लाख रुपये
- कुल टावर: 5 , 2 सपोर्ट टावर
- स्टेशन: 2 (निचला व ऊपरी)
- शुरुआत में ट्रॉलियां: 12
- लंबाई: 1324 मीटर
- परियोजना की शुरुआत: 12 फरवरी 2020

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