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    Rohtas: गर्मी की मार ने बढ़ाई किसानों की बेचैनी, सितंबर में जून वाली तपिश; खरीफ फसलों पर पड़ रहा असर

    रोहतास में गर्म हवा और चिलचिलाती धूप किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहा है। तेज धूप के चलते धान समेत अन्य खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका है। इससे किसान चिंतित हैं। किसानों ने कहा कि तेज हवा के चलते खेतों से नमी तेजी से गायब हो रही है। डीजल पंप से सिंचाई करना पड़ रहा है।

    By Mukti Nath PandeyEdited By: Shashank ShekharUpdated: Thu, 31 Aug 2023 09:50 PM (IST)
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    मोथा गांव में डीजल पंप चला धान की फसल बचाने का प्रयास करते किसान

    संवाद सूत्र, काराकाट: रोहतास में गर्म हवा और चिलचिलाती धूप ने एक ओर जहां उमस बढ़ाई है वहीं दूसरी ओर किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है।

    तेज धूप के चलते धान समेत अन्य खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका से किसान चिंतित होने हैं। किसानों का मानना है कि तेज हवा के चलते खेतों से नमी बहुत तेजी से गायब हो रही है।

    पानी के अभाव में खेतों की सिंचाई डीजल पंप से करनी पड़ रही है। इससे खेती की लागत बढ़ने के साथ पैदावार प्रभावित होने की भी आशंका है। किसानों ने कहा कि अगर समय से पानी नहीं मिला तो सिचाई के अभाव में फसलें प्रभावित हो जाएगी।

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    विद्युत कटौती से बढ़ी परेशानी

    किसानों के अनुसार, एक ओर जहां गर्मी की मार ने किसानों को दर्द दिया तो वहीं दूसरी क्षेत्र में अघोषित विद्युत कटौती उनके लिए जले पर नमक छिड़कने का काम कर रहा है। एक पखवारे से लगातार चल रही गर्म हवा और तेज धूप से सूखा पड़ने की उम्मीद बढ़ गई है।

    कभी-कभी आकाश में छाए काले बादल किसानों को ललचाते तो जरूर हैं, लेकिन बारिश की एक बूंद भी नसीब नहीं हुई। सावन का दूसरा महीना बीत गया है, लेकिन बारिश की जगह बैसाख-ज्येष्ठ की तरह गर्म हवाएं चल रही हैं। गांव की गलियों में धूल उड़ रही है। गर्मी से लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं।

    नहरों से अंतिम छोर तक नहीं मिल रहा पानी

    नहरी इलाके के किसान भी परेशान हैं। नहर के नीचे के किसान पूरी तरह निजी व्यवस्था पर आश्रित होकर रह गए हैं। पंप सेट से एक जगह पानी करते हैं तब तक दूसरे खेत में दरार पड़ जा रहा है। रोपे गए पौधों को बचा पाना भी मुश्किल हो रहा है। एक ही खेत में घंटों मोटर पंप चलाना पड़ता है। आधी खेत में पानी पहुंचा नहीं कि बिजली चली जाती है।

    किसानों ने कहा कि एक माह पहले हुई अच्छी बारिश के दो दिनों बाद से ही प्रखंड से मानसून ने मुंह मोड़ लिया। ऐसे में दो-दो दिन तक विद्युत आपूर्ति बंद रहने से और अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कभी एक तो कभी दो फेज की बिजली अक्सर गायब हो जा रही है।

    पिछले तीन दिनों तक लो वोल्टेज ने परेशान किया। अब तक एक बूंद पानी नहर से नसीब नहीं हो सका है। मौसम और नहरों का यही हाल रहा तो किसान खेती से हाथ खड़े कर देने को बाध्य हो जाएंगे।