बिचौलिये से टिकट लिया तो खैर नहीं, रेलवे का टीटीई एप एक सेकंड में पकड़ेगा फर्जी टिकट
रेलवे ने टिकटों में धोखाधड़ी रोकने के लिए नया टीटीई एप शुरू किया है। यह एप बिचौलियों से खरीदे गए फर्जी टिकटों को तुरंत पकड़ लेगा, जिससे यात्रियों को स ...और पढ़ें

अब टीटीई एप पकड़ेगा रेलवे का फर्जी यात्रा टिकट। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, सासाराम (रोहतास)। अब बाजार या बिचौलिए के माध्यम से टिकट खरीदकर ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर नहीं है। उन्हें वैध व उचित टिकट अधिकृत काउंटर या एप से खरीदकर ही यात्रा करनी होगी। रेलवे द्वारा लॉन्च किए गए टीटीई एप फर्जी टिकट को आसानी से पकड़ लेगा।
यात्री सुविधा एवं सुरक्षा को लेकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) मंडल द्वारा विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, ताकि फर्जी टिकट पर पूरी तरह से रोक लग सके। बुधवार को मंडल के पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, गया, सासाराम और डेहरी ऑन सोन स्टेशन पर अभियान चलाया गया, ताकि यात्रियों को फर्जी अथवा हेरफेर किए गए अनारक्षित टिकट पर रोक लग सके।
डीडीयू मंडल के वाणिज्य अधिकारियों के मुताबिक यूटीएस यानी अनारक्षित टिकट भारतीय रेल द्वारा जारी किए जाते हैं। इन टिकटों में सुरक्षा विशेषताएं उपलब्ध रहती हैं। स्वर अक्षर विशेष फांट में छपे होते हैं। साथ ही टिकट के ऊपरी बाएं कोने पर इंजन का चिन्ह मुद्रित होता है। स्टाक नंबर एवं यादृच्छिक संख्या अंकित रहती है। स्टेशनरी पर भारतीय रेल का वाटरमार्क होता है।
थर्मल प्रिंटर से जारी टिकटों पर क्यूआर कोड उपलब्ध होता है। इसलिए यात्री ई-टिकट केवल अधिकृत काउंटरों, एटीवीएम मशीनों या मोबाइल यूटीएस ऐप से ही प्राप्त करें। मोबाइल फोन में टिकट यूटीएस एप से ही दिखाएं, अन्य फ़ोल्डर या स्क्रीनशाट से नहीं। टिकट किसी अजनबी या दलाल से न लें और न उनको दें।
टिकट दलाल या ऐसे व्यक्ति यात्रियों को गुमराह कर फर्जी या पुराना टिकट थमा सकते हैं, जिससे यात्री को परेशानी और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। टिकट जांच कर्मचारी (टीटीई) के पास उपलब्ध टीटीई एप के माध्यम से टिकटों का आनलाइन सत्यापन आसानी से किया जा सकता है।
क्यूआर कोड स्कैन करने या यूटीएस नंबर दर्ज करने से टिकट की प्रामाणिकता की पुष्टि होती है। फर्जी टिकट का उपयोग दंडनीय है। केवल वैध टिकट लेकर यात्रा करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना रेलवे अधिकारियों अथवा आरपीएफ को दें।

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