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    Rohtas News: करोड़ों मे बने अस्पताल भवनों में भरा मिला भूसा, किराए के मकान में डॉक्टर कर रहे उपचार

    By brajesh pathakEdited By: Aysha Sheikh
    Updated: Sat, 15 Jul 2023 08:16 AM (IST)

    Bihar News रोहतास प्रखंड के अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र तुंबा के लिए एक करोड़ 26 लाख रुपये की लागत से बने भवन में ग्रामीण लकड़ी व भूसा रखते हैं। ग्रामीण ...और पढ़ें

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    करोड़ों मे बने अस्पताल भवनों में भरा मिला भूसा, किराए के मकान में डॉक्टर कर रहे उपचार

    प्रेम पाठक, डेहरी आन सोन (रोहतास) : अजीब विरोधाभास है कि रोहतास प्रखंड के अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र, तुंबा के लिए एक करोड़ 26 लाख रुपये की लागत से बने भवन में ग्रामीण लकड़ी व भूसा रखते हैं। वहीं चिकित्सक व कर्मी एक हजार रुपये प्रतिमाह किराए के छोटे से मकान में उपचार कर रहे हैं।

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    यहां एक एमबीबीएस व एक आयुष चिकित्सक समेत छह चिकित्सा कर्मियों का पदस्थापन है। इनमें से एक नर्स को कर्मा स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिनियुक्त कर दिया गया है। शेष कर्मी नियमित नहीं रहते हैं। जानकारी के अनुसार, तुंबा अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का भवन सात वर्ष पूर्व भवन निर्माण विभाग ने बना दिया था, लेकिन उसे अभी तक स्वास्थ्य विभाग को हस्तगत नहीं किया जा सका है।

    परछा स्वास्थ्य केंद्र में भी भरा हुआ है भूसा

    इसी तरह 17 लाख रुपये खर्च कर बने नौहट्टा प्रखंड के परछा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन में भी भूसा भरा हुआ है। इसे भी स्वास्थ्य विभाग को हस्तगत नहीं किया गया है। परछा में तो किराए पर भी स्वास्थ्य केंद्र संचालित नहीं है।

    ग्रामीणों का कहना है कि अस्पताल के भवन में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए वे स्थानीय विधायक सह राज्य के पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम को 10 माह पूर्व आवेदन दे चुके हैं, लेकिन अभी तक स्थिति यथावत है। आपको जानकर हैरानी होगी कि तुंबा स्वास्थ्य केंद्र पर तुंबा, चकन्हवा, रामजीत गंज, कर्मा, नारायण चौक समेत आधा दर्जन गांव की 20 हजार की आबादी आश्रित है। वहीं, परछा उप स्वास्थ्य केंद्र पर परछा व पंडुका गांव की आठ हजार की आबादी निर्भर है।

    क्या कहते हैं अधिकारी?

    रोहतास के चिकित्सा पदाधिकारी डा. मुकेश कुमार ने बताया कि भवन निर्माण विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग को भवन हस्तगत नहीं कराया गया है। इसके यहां पर अलावा, चारदिवारी, पेयजल व बिजली का अभाव है। चिकित्सा कर्मियों के भी अभाव के कारण उक्त केंद्र के चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों से प्रखंड चिकित्सालय और उप स्वास्थ्य केंद्र में कार्य लिया जा रहा है।