सासाराम आएं तो पूर्वोत्तर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करना न भूलें, साल में 2 बार खुलता है अघोरेश्वर महादेव का कपाट
सासाराम में सावन के महीने की शुरुआत के साथ ही पूर्वोत्तर ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। यहाँ ढाई फीट ऊंची स्फटिक शिवलिंग और भगवान बुद्ध समेत कई महापुरुषों की प्रतिमाएँ स्थापित हैं। महायोगी पायलट बाबा धाम में स्थित यह मंदिर भक्ति संस्कृति और मनोरंजन का केंद्र है। यहां अघोरेश्वर महादेव मंदिर में काले पत्थर का शिवलिंग भी है।
धनंजय पाठक, सासाराम (रोहतास)। सावन का महीना (Sawan 2025 Date) शुक्रवार से प्रारंभ होगा। जिले में विभिन्न कालखंड के सांस्कृतिक विरासतों से जुड़े अवशेष अभी भी विद्यमान हैं। इससे जिले की सांस्कृतिक विरासत के महत्व की जानकारी लोगों को मिलती है।
जिले में कई अति प्राचीन शिवलिंग पहाड़ी की गुफा से लेकर चोटी तक अवस्थित हैं, जो यहां की धार्मिक महत्ता को दर्शाता है। इन स्थानों पर महा शिवरात्री हो, बसंत पंचमी हो या सावन का महीना। जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
कम समय में ही मंदिर को मिली ख्याति:
2004 में धाम की रखी गई थी नींव:
साल में दो बार खुलता है अघोरेश्वर महादेव का कपाट:
धाम की विशेषता:
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85 फीट ऊंची महात्मा बुद्ध की प्रतिमा -
ढाई फीट ऊंचा स्फटिक का शिवलिंग -
111 फीट ऊंची भगवान शिव की प्रतिमा -
विभिन्न धर्म के धर्म गुरुओं की प्रतिमा -
विभिन्न देवी-देवताओं के मंदिर -
30 फीट ऊंची भगवान श्रीराम की प्रतिमा -
ओघेरश्वर महादेव मंदिर में पांच फीट ऊंचा काले पत्थर का शिवलिंग
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