रात में छात्रा से हॉस्टल में सामूहिक दुष्कर्म, सुबह पिटाई के वक्त सामने आई दरिंदगी
रोहतास जिले के एक स्कूल के हॉस्टल में 13 वर्षीय छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। छात्रावास के चार कर्मचारियों पर आरोप है। बाल कल्याण समिति ने हस्तक्षेप कर छात्रा को बचाया और प्राथमिकी दर्ज कराई गई। मेडिकल जांच में देरी और आरोपियों को पीआर बॉन्ड पर छोड़ने से मामले की गंभीरता पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

संवाद सहयोगी, डेहरी आनसोन (रोहतास)। इंद्रपुरी थाना क्षेत्र के एक स्कूल के हॉस्टल में 13 वर्षीया छात्रा के साथ दरिंदगी का बड़ा मामला सामने आया है। सात सितंबर की रात उसके साथ हॉस्टल के ही चार कर्मियों ने सामूहिक दुष्कर्म किया, फिर आठ की सुबह आरोपितों में से एक उसकी पिटाई कर रहा था, ताकि वह भय से किसी को कुछ नहीं बताए।
संयोग से उसी वक्त बाल कल्याण समिति की दो सदस्यीय टीम इंद्रपुरी थाना पुलिस के साथ उसी हॉस्टल से गत 27 अगस्त को भागी दूसरी नाबालिग के मामले की जांच को पहुंची। पिट रही छात्रा टीम के सदस्य ददन पांडेय व गायत्री कुमारी के पास दौड़ी आई और बिलखते हुए आपबीती सुना दी।
नाबालिग के साथ हुई हैवानियत को सुन समिति के सदस्यों के रोंगटे खड़े हो गए। उसी समय उसका रेस्क्यू किया गया। समिति की काउंसलर प्रीतम कुमारी के फर्दबयान पर इंद्रपुरी थाना में छात्रा द्वारा बताए गए चार हॉस्टल कर्मियों पर नामजद प्राथमिकी कराई गई।
पीड़िता की मेडिकल जांच के लिए इंद्रपुरी थानाध्यक्ष सह बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी माधुरी शर्मा व समिति की सदस्य गायत्री कुमारी अनुमंडल अस्पताल डेहरी ले गईं तो मामला जानकर इनकर कर दिया गया। तब छात्रा को आठ सितंबर की रात 11 बजे सासाराम सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बड़ी बात यह कि जांच के दो दिन बाद तक अस्पताल से जांच रिपोर्ट नहीं दी गई है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. मणिराज रंजन का पक्ष जानने की कोशिश की गई, परंतु उनसे संपर्क नहीं हो सका। वहीं, पुलिस ने चारों आरोपितों से पूछताछ की, परंतु थाने से ही पीआर बॉन्ड पर छोड़ दिया। घटना के तीन दिनों बाद भी पुलिस निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है।
इधर, मिशनरी के प्रशासक राजा भाई जेम्स ने कहा कि वह अभी बाहर हैं, घटना की उन्हें जानकारी नहीं है, न ही यह पता है कि अभी मिशनरी हॉस्टल किसके जिम्मे है। वह सुबह तक कोई जानकारी दे सकेंगे। वहीं, मिशन हेड जेबा कुमार के बारे में बताया कि वह विदेश में हैं।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा कि सिविल सर्जन से अब तक जांच रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। पॉक्सो एक्ट की घटना में रिपोर्ट में देर करने पर नाइंसाफी की आशंका बढ़ जाती है। छात्रा नालंदा जिले की है। 2022 में पिता की मृत्यु के बाद वह अपनी बुआ के साथ रहकर पढ़ने आई थी।
इधर, छात्रा का कहना है कि सात सितंबर की रात 10 बजे बुआ ने उसे कोई दवा खिलाई थी, फिर अपने कमरे में चली गई। इसी बीच हॉस्टल के चार कर्मी उसके कमरे में आ धमके और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। वह चीखती-चिल्लाती रही, पर बुआ या कोई अन्य बचाने नहीं आया। उसने बुआ पर भी प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
एसपी रौशन कुमार के अनुसार इस मामले में बाल कल्याण समिति के सहयोग से सभी तकनीकी बिंदुओं पर अनुसंधान जारी है। अभी तक के अनुसंधान से इस घटना की पुष्टि या खंडन स्पष्ट रूप से करना संभव नहीं है। तकनीकी साक्ष्यों का विश्लेषण जारी है। स्थिति स्पष्ट होने पर जानकारी दी जाएगी। इस मामले में आरोपितों से पूछताछ की गई है।
एसडीपीओ-एक अतुलेश झा के अनुसार अभी तक मेडिकल रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। पीड़िता का कोर्ट में बयान दर्ज किया गया है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। मेडिकल रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। चारों आरोपितों को पीआर बॉन्ड पर छोड़ा गया है।
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