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    Rohtas News: किसानों की डिजिटल पहचान के लिए फार्मर रजिस्ट्री प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन, कृषि अधिकारी ने किया शुभारंभ

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 12:17 AM (IST)

    रोहतास में किसानों की डिजिटल पहचान के लिए फार्मर रजिस्ट्री प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कृषि अधिकारी ने इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया, जिसका ...और पढ़ें

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    किसानों का डिजिटल पहचान पत्र बनाने के लिए फार्मर रजिस्ट्री प्रारंभ। फोटो जागरण

    संवाद सहयोगी, डेहरी आन सोन, रोहतास। नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान के अंतर्गत फार्मर रजिस्ट्री योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए अनुमंडल कृषि पदाधिकारी की अध्यक्षता में कर्मियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें कृषि समन्वयक, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक, राजस्व कर्मचारी व किसान सलाहकार को फार्मर रजिस्ट्री का प्रशिक्षण दिया गया।

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    प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर के स्तर से सभी कर्मियों को ई-केवाईसी व फार्मर आईडी जेनरेटर के संबंध में विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया। अनुमंडल कृषि पदाधिकारी प्रियंका रानी, उप परियोजना निदेशक आत्मा संतोष कुमार, प्रखंड कृषि पदाधिकारी आत्मा अभिषेक तिवारी सहित अन्य अधिकारियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

    अनुमंडल कृषि पदाधिकारी ने बताया कि फार्मर रजिस्ट्री राज्य सरकार की प्राथमिकता प्राप्त योजना है, जिसका उद्देश्य प्रत्येक किसान को सरकारी योजनाओं से जोड़ना, कृषि सेवाओं को आधुनिक एवं पारदर्शी बनाना और हर किसान का एक डिजिटल पहचान पत्र तैयार करना है। इस फार्मर आईडी में किसान की भूमि से संबंधित विवरण, आधार जानकारी एवं अन्य आवश्यक डाटा दर्ज रहेगा। जिससे योजनाओं के क्रियान्वयन में सुगमता होगी।

    प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि सभी पात्र किसानों को विभिन्न सरकारी कृषि एवं कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा। इससे राज्य स्तर पर किसानों का अद्यतन एवं सटीक डाटाबेस तैयार होगा। इससे फसल क्षति या आपदा की स्थिति में वास्तविक मुआवजा देने की प्रक्रिया सरल होगी।

    कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि सहित योजनाओं की किस्तों के भुगतान में सरलता सुनिश्चित करना है। पंजीकरण के लिए किसानों को आधार कार्ड, भूमि संबंधी दस्तावेज, खाता, खेसरा आदि एवं सक्रिय मोबाइल नंबर देना होगा।

    बताया कि इन दस्तावेजों के बिना फार्मर आईडी तैयार नहीं की जा सकेगी और पंजीकरण न होने पर किसान भविष्य की कई योजनाओं से वंचित हो सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले किसान का ई-केवाईसी आधार के माध्यम से किया जाएगा। इसके बाद संबंधित अधिकारी किसान के भूमि अभिलेखों का सत्यापन करेंगे।

    सत्यापन पूर्ण होने पर पोर्टल पर आवश्यक प्रविष्टियां की जाएंगी तथा ई-साइन के माध्यम से फार्मर आईडी जेनरेट की जाएगी। फार्मर आईडी के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य अथवा अन्य योजनाओं के तहत कृषि उपज की बिक्री में सुविधा होगी। कृषि एवं राजस्व विभाग के फील्ड कर्मियों को गांव जाकर इसके लिए किसानों को जागरूक करने के लिए भी कहा गया। मौके पर रितेश कुमार, कुंदन सेठ सहित अन्य लोग शामिल थे।