रोहतास के धुस स्थित ब्रिटिश काल के सौ साल पुराने नहर पुल का जीर्णोद्धार शुरू
रोहतास। स्थानीय धुस स्थित ब्रिटिश काल की सौ साल पुरानी से अधिक पुरानी आरा मुख्य कैनाल के जर्जर एसएलआर चैनल ब्रिज नेविगेशन का जीर्णोद्धार का कार्य मंगलवार को शुरू किया गया। जर्जर पुल को विभाग ने जेसीबी लगाकर ध्वस्त कर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है। काफी दिनों से इस पुल पर बड़े वाहनों का परिचालन वर्जित था।

रोहतास। स्थानीय धुस स्थित ब्रिटिश काल की सौ साल पुरानी से अधिक पुरानी आरा मुख्य कैनाल के जर्जर एसएलआर चैनल ब्रिज नेविगेशन का जीर्णोद्धार का कार्य मंगलवार को शुरू किया गया। जर्जर पुल को विभाग ने जेसीबी लगाकर ध्वस्त कर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है। काफी दिनों से इस पुल पर बड़े वाहनों का परिचालन वर्जित था। हालांकि बिना डाइवर्सन या वैकल्पिक व्यवस्था के पुल ध्वस्त किए जाने से फिलहाल दर्जनों गांव समेत प्रखड कार्यालय तक जाने का रास्ता अवरुद्ध हो गया है। जिससे लोगों को आने-जाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण शिवनाथ प्रसाद ,नंदगोपाल,संतोष कुमार राय, व्यवसाई पंकज कुमार, धुस स्थित शिशु विकास विधलाय के निदेशक सोनू आनंद,सोन वैली स्कूल के निदेशक एसपी गुप्ता समेत स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि वैसे अंग्रेजों के जमाने के इस जर्जर पुल का सरकार द्वारा कायाकल्प किया जाना प्रसन्नता की बात है, लेकिन बिना डाइवर्सन या वैकल्पिक व्यवस्था किए इतना बड़ा निर्माण कार्य कराना कहीं से उचित नहीं है। पुल को ध्वस्त कर निर्माण कार्य कराने से मौना,राजपुर,नोखा,तिलसा, इटिम्हा,धनांव,परसिया,पीपरडीह समेत प्रखंड कार्यालय,नासरीगंज धुस बा•ार का रास्ता अवरुद्ध हो गया है। जिससे आम जन के साथ स्कूल कालेज जाने वाले छात्र-छात्रा व दुकानदारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दुकानदारों एवं स्थानीय लोगों में बिना डाइवर्सन के पुल निर्माण कार्य को ले रोष व्यक्त करते हुए बताया कि आमलोग खासकर स्कूली बच्चे ध्वस्त पुल के बगल में स्थित लोहे की पटरी पार कर स्कूल आ जा रहे हैं, जो खतरे से खाली नहीं है। लोगों ने डीएम से हस्तक्षेप कर पुल निर्माण अवधि तक डाइवर्सन बनवाने की गुहार लगाई है। कनीय अभियंता सोन अवर प्रमंडल अरसद कमाल ने बताया कि 61 लाख की लागत से पुल का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। उक्त पुल का निर्माण आगामी 31 मई 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। वहीं विभागीय एसडीओ राधे श्याम सिंह ने बताया कि इस पुल निर्माण में डाइवर्सन का कोई प्रविधान अभी तक नहीं है। आगे विभागीय निर्देश पर इस पर विचार किया जाएगा। किसानों को रबी फसल के पटवन में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी। पटवन के लिए पानी नहर से पूर्व की तरह जारी रहेगी। बताते चलें कि सौ साल से अधिक पुराने इस पुल से बालू लदे भारी वाहनों आवाजाही से अत्यंत जर्जर हो गया था।
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