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    Bihar Election: लोगों के जहन में है BJP की वो रैली, जब मंच पर चढ़कर सिरफिरे ने रविशंकर प्रसाद को मारी थी गोली 

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 05:09 PM (IST)

    2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नोखा में भाजपा की चुनावी सभा में रविशंकर प्रसाद पर गोली चलाई गई। उस समय राष्ट्रपति शासन था और लालू यादव के शासन से जनता परेशान थी। एक युवक ने रविशंकर प्रसाद पर हमला किया, जिससे वे घायल हो गए। बाद में हमलावर की मौत हो गई, और चुनाव के बाद नीतीश कुमार और भाजपा ने मिलकर सरकार बनाई। 

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    रविशंकर प्रसाद पर हुआ था हमला। (फाइल फोटो)

    दिनेश तिवारी, नोखा (रोहतास)। विधानसभा चुनाव 2005 के दौरान छह अक्टूबर को स्थानीय ठाकुर जी राइस मील परिसर में भाजपा की चुनावी सभा चल रही थी।

    इसमें लोगो का जन सैलाब उमड़ा हुआ था, जिसमें परिवर्तन की लहर स्पष्ट दिख रही थी। भाजपा के तत्कालीन विधायक रामेश्वर प्रसाद चौरसिया का यह तीसरा चुनाव था, जिनके पक्ष में देश के सूचना और प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद व पार्टी के दिग्गज नेता प्रमोद महाजन चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे।

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    इस वक्त बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू था और राज्यपाल बूटा सिंह सरकार का संचालन कर रहे थे। नेताओं का कहना है कि पूरे बिहार में लोग लालू यादव के शासन से ऊब चुकी जनता परिवर्तन के लिए छटपटा रही थी।

    भाषण समाप्त कर रविशंकर प्रसाद मंच पर अपने स्थान पर बैठे ही थे कि एक सिरफिरे युवक ने उन पर गोली चला दी। गोली रविशंकर प्रसाद की बायीं बांह में लगी और उनके हाथ से खून की धारा बह निकली।

    सभा में मची अफरातफरी

    सभा मंच के पास अफरातफरी मच गई। घटना होने पर बाजार समिति में चुनाव के लिए पहुंचे केंद्रीय पुलिस बल के जवानों ने मोर्चा संभाला। रविशंकर प्रसाद को घायल अवस्था में उसी हेलीकॉप्टर से सासाराम ले जाया गया, जिससे वे चुनावी सभा में आए थे।

    वहां उपचार के पश्चात उन्हें पटना ले जाया गया, संयोग से सब कुछ ठीक रहा। लेकिन बिहार की राजनीति में यह हमला प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया। मीडिया में इस खबर ने काफी सुर्खियां बटोरी। 2005 के विधानसभा चुनाव में लालू शासन का अंत हो गया और बिहार में नीतीश कुमार व भाजपा ने मिलकर नई सरकार बना ली।

    तब से नीतीश कुमार प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद पर बरकरार है। छह अक्टूबर 2005 का हमला अभी तक नोखा के लोग नहीं भूले हैं। हमलावर मुन्ना सिंह पास के ही नटवार थाना क्षेत्र के करहंसी गांव का रहने वाला था, जिसे भीड़ ने घटना के समय ही पीटकर अधमरा कर दिया था। बाद में इलाज के क्रम में एक माह बाद उसकी पटना में मौत हो गई।

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