नोटा बना रोहतास का 'तीसरा मोर्चा', कई दिग्गजों को पछाड़कर पांचवें-छठे स्थान पर
रोहतास जिले में विधानसभा चुनाव के नतीजों में नोटा ने कई दलों को पीछे छोड़ दिया। जिले के सात विधानसभा क्षेत्रों में 19 हजार से अधिक मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना। काराकाट में सबसे अधिक और सासाराम में सबसे कम नोटा का प्रयोग हुआ। विश्लेषकों के अनुसार, मतदाताओं ने उम्मीदवारों के प्रति असंतोष व्यक्त किया है।

नोटा वोटिंग
प्रमोद टैगोर, संझौली(रोहतास)। विधानसभा चुनाव के परिणामों ने इस बार एक अनोखी और गंभीर तस्वीर पेश की है। चुनाव में इस बार रोहतास जिले में जिस तरह मतदान प्रतिशत बढ़ने के मामले में रिकॉर्ड कायम हुआ है, उसी तरह नोटा का भी रिकॉर्ड बना हैं। जिसमें कई स्थापित और उभरते दलों को पीछे छोड़ते हुए नोटा ने कहीं पांचवा तो कहीं छठा स्थान हासिल कर लिया।
जिले के सभी सात विधानसभा में 19 हजार 498 मतदाताओं ने किसी भी प्रत्याशियों पर भरोसा नही जताया और नोटा के विकल्प को चुनते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग किया। सबसे अधिक मतदाताओं ने काराकाट विधानसभा में नोटा बटन का दबाया।
उम्मीदवारों में कोई विकल्प स्वीकार्य नहीं
सबसे कम नोटा का प्रयोग होने वाला में सासाराम विधानसभा रहा। स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार मतदाताओं ने स्पष्ट रूप से नोटा चुनकर यह संकेत दिया कि उन्हें उपलब्ध उम्मीदवारों में कोई विकल्प स्वीकार्य नहीं लगा।
यह संख्या बताती है कि मतदाता मात्र वोट डालने नहीं आए थे वे एक संदेश देने आए थे। सबसे दिलचस्प बात है कि कई ऐसे उम्मीदवार जो खुद को बदलाव का प्रतिनिधि बताकर मैदान में उतरे थे, उन्हें भी मतदाताओं ने प्राथमिकता नहीं दी।
काराकाट में कोई उम्मीदवार पसंद नहीं
विश्लेषक बताते है कि मतदाता पारंपरिक और नए दोनों तरह के उम्मीदवारों को नकारकर नोटा का बटन दबाते हैं तो यह सिर्फ असंतोष नहीं राजनीतिक उम्मीदों की असफलता भी दिखाता है। सिकठी के विकास कुमार कहते है, काराकाट में कोई उम्मीदवार पसंद नहीं आएं।
मतदान तो करना है, इसलिए नोटा के विकल्प को चुना। उदयपुर में पहली बार मतदान करने गई उदयपुर की पुष्पांजलि कहती है, किसी उम्मीदवार ने शिक्षा के क्षेत्र में बात नहीं की।
काराकाट में सर्वाधिक 2.92 प्रतिशत मतदाताओं ने किसी पर नहीं जताया भरोसा
रोहतास में सात विधानसभा हैं। जिसमें काराकाट विधानसभा में कुल मिले 197715 मतों के 2.92 मतदाताओं ने नोटा को अपना विकल्प बनाया है। यहां नोटा 13 प्रत्याशियों में छठा स्थान पर रहा।
चुनाव आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो काराकाट के 2015 के चुनाव में 2.28 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा को चुना था यानी कुल मिले 153150 मतों में 3493 मतदाताओं ने नोटा दबाया था। हालांकि 2020 के चुनाव में यह प्रतिशत घटकर 1.75 पर आ गई थी। कुल 171627 मिले मतों में 3010 मतदाताओं ने नोटा दबाया था। पर इस बार पुनः यहां नोटा के मतों ने सबको चौंका दिया।
नोखा विधानसभा में कुल प्राप्त 182315 मतों के 1.86 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा चुना। यहां 11 प्रत्याशियों में नोटा पांचवां स्थान पर रहा। करगहर में कुल मिले 219564 मतों में नोटा को 1.37 प्रतिशत मतदाताओं ने चुना है। यहां भी नोटा छठे स्थान पर है।
चेनारी में कुल प्राप्त 205793 मतों में 1.13 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा के विकल्प के रूप में प्रयोग किया है। डिहरी विधानसभा में 1.26 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा चुना। यहां कुल 191592 वोट प्राप्त हुई थी। यहां नोटा पांचवां स्थान पर रहा।
दिनारा में प्राप्त कुल 187064 मतों के 0.87 प्रतिशत और सासाराम में मिले कुल 221091 मतों के जिले में सबसे कम 0.43 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया है। दिनारा में 12 प्रत्याशियों में छठा तो सासाराम में 22 प्रत्याशियों में 11 वा स्थान पर नोटा रहा।
रोहतास के विधानसभा वार नोटा
| विधानसभा क्षेत्र | नोटा वोट |
|---|---|
| काराकाट | 5765 |
| नोखा | 3400 |
| डिहरी | 2405 |
| करगहर | 3013 |
| दिनारा | 1631 |
| चेनारी | 2328 |
| सासाराम | 961 |

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