महिलाओं की आय बढ़ाने की पहल: डेहरी में बटन मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम
कृषि विभाग और आत्मा के द्वारा डेहरी आन सोन में ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बटन मशरूम की खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मथुर ...और पढ़ें

प्रारंभिक चरण में 50 मशरूम किट और आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई
संवाद सहयोगी, डेहरी आन सोन, (रोहतास)। ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कृषि विभाग और आत्मा (ATMA) की पहल रंग लाती नजर आ रही है। रोहतास जिले के डेहरी आन सोन प्रखंड अंतर्गत मथुरी पंचायत के माईजी कुटिया के समीप आत्मा द्वारा संचालित किसान पाठशाला कार्यक्रम के तहत महिलाओं को बटन मशरूम की आधुनिक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिला प्रगतिशील किसानों को नई कृषि तकनीकों से जोड़कर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है।
प्रशिक्षण के लिए मथुरी पंचायत की संगीता देवी सहित कुल 25 महिला किसानों का चयन किया गया है। प्रारंभिक चरण में इन महिलाओं को 50 मशरूम किट के साथ आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई गई है, ताकि वे प्रशिक्षण के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभव भी हासिल कर सकें। विशेषज्ञों की टीम द्वारा महिलाओं को मशरूम उत्पादन की पूरी प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से समझाई जा रही है।
कृषि विभाग के अधिकारी एवं सह प्रशिक्षक अजय शंकर तिवारी ने बताया कि मशरूम की खेती महिलाओं के लिए अत्यंत लाभकारी है। उन्होंने कहा कि कम जगह और कम लागत में इसकी खेती आसानी से की जा सकती है, जिससे महिलाओं को अच्छा मुनाफा मिल सकता है।
प्रशिक्षण के दौरान हार्वेस्टिंग के साथ-साथ प्रोसेसिंग, पैकिंग और डिब्बाबंदी (कैनिंग) की तकनीक भी अलग-अलग सत्रों में सिखाई जा रही है।
मशरूम को गुनगुने पानी और कैनिंग सॉल्यूशन में प्रोसेस कर डिब्बों में भरने से यह लंबे समय तक सुरक्षित रहता है और बाजार में बिक्री के लिए आसानी से भेजा जा सकता है।
प्रशिक्षण में महिलाओं को घर पर ही मशरूम किट तैयार करने, कंपोस्ट बनाने, स्पॉन मिलाने और पैकिंग तक की पूरी जानकारी दी जा रही है। खास बात यह है कि इस प्रशिक्षण के लिए महिला किसानों से कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है।
इसी क्रम में आत्मा द्वारा ओएस्टर मशरूम उत्पादन का लक्ष्य भी रोहतास जिले की बेरकप पंचायत के चैनपुर गांव में पूरा किया जा रहा है।
यहां सीमा देवी के नेतृत्व में 25 महिला और पुरुष किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, यह पहल न केवल किसानों के लिए आय का नया स्रोत बनेगी, बल्कि धान के पुआल से मशरूम उत्पादन होने के कारण फसल अवशेष प्रबंधन की समस्या भी दूर होगी।
इससे पुआल जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
आत्मा का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम महिला सशक्तीकरण, कृषि नवाचार और ग्रामीण आय वृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।
मौके पर संजय कुमार, संगीता देवी, आरती कुमारी, प्रियंका देवी, बेबी देवी, सुशीला देवी, बिंदा देवी, रीता देवी सहित कई महिला किसान मौजूद रहीं।

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