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    रोहतास में दो प्रत्याशी के चुनावी मैंदान में उतरने से महागठबंधन के मतों में बिखराव के आसार

    Updated: Tue, 21 Oct 2025 02:40 PM (IST)

    रोहतास के करगहर में महागठबंधन में दरार दिख रही है। कांग्रेस और सीपीआई (एमएल) दोनों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जिससे वोटों का बंटवारा तय है। सीपीआई (एमएल) के महेंद्र प्रसाद गुप्ता के मैदान में आने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है, जिसका फायदा अन्य दलों को मिल सकता है। मतदाता असमंजस में हैं, और राजनीतिक विश्लेषक जातीय समीकरणों के उलटने की बात कर रहे हैं।

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    बिहार विधानसभा चुनाव 2025

    सुरेन्द्र तिवारी, करगहर (रोहतास)। महागठबंधन या राजग गठबंधन में राजनीतिक रूप से ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। मजबूती के साथ एकजुट रहने का दावा करने वाले महागठबंधन से सोमवार को अंतिम दिन करगहर विधानसभा क्षेत्र से दो प्रत्याशी कांग्रेस से निवर्तमान विधायक संतोष कुमार मिश्रा एवं सीपीआई एमएल से महेंद्र प्रसाद गुप्ता ने नामांकन दाखिल किया।

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    दोनों के नामांकन दाखिल होने के बाद महागठबंधन के मतों में बिखराव होने की संभावना है। सीपीआई प्रत्याशी महेंद्र प्रसाद गुप्ता के अनुसार महागठबंधन के नेता द्वारा हरी झंडी मिलने के बाद ही पार्टी द्वारा सोमवार को सिंबल प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि जमीनी कार्यकर्ता होने के कारण पार्टी ने उन्हें सिंबल प्रदान किया है। वे हमेशा क्षेत्र की समस्याओं को धरना प्रदर्शन के माध्यम से उठाते रहे हैं।

    सीपीआई एमएल के आने से त्रिकोणीय संघर्ष के आसार

    महागठबंधन की ओर से सीपीआई एमएल प्रत्याशी महेंद्र प्रसाद गुप्ता के चुनावी मैंदान में आने से करगहर विधानसभा क्षेत्र का मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार नजर आ रहे हैं। इसका फायदा जन सुराज पार्टी, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एवं बसपा को मिल सकता है। महागठबंधन के परंपरागत मतदाता अब इस उधेड़बुन में फंसे हुए हैं कि आखिर किसको मत दिया जाए। ऐसे हालात में मतों का विभाजन होना स्वाभाविक है। जबकि दोनों प्रत्याशी तेजस्वी यादव को ही मुख्यमंत्री बनाने की बात कहते हैं।

    2015 में महेंद्र गुप्ता लड़े थे चुनाव

    सीपीआई एमएल प्रत्याशी महेंद्र प्रसाद गुप्ता 2015 में चुनाव लड़े थे। उन्हें लगभग 1500 मत आया था। उनके चुनाव लड़ने से महागठबंधन के अलावा राजग गठबंधन को भी नुकसान हो सकता है। क्योंकि भाजपा का परंपरागत मत वैश्य समाज माना जाता है। महेंद्र प्रसाद गुप्ता भी वैश्य समाज से आते हैं। यह भी मूल रूप से करगहर के निवासी हैं।


    सासाराम जन सुराज प्रत्याशी विनय कुमार सिंह को बनाए जाने के बाद करगहर विधानसभा चुनाव में जन सुराज प्रत्याशी रितेश रंजन पांडेय को मिल सकता है। विनय कुमार सिंह राजपूत समाज से आते हैं। राजपूत समाज करगहर में जन सुराज की ओर गोलबंद हो रहे हैं। सासाराम विधानसभा क्षेत्र में कोई ब्राह्मण प्रत्याशी दल अनुसार नहीं हैं। इस तरह की चर्चा क्षेत्र में हो रही है।


    राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार विधानसभा का चुनाव में प्रत्याशियों के गुण गणित के विपरीत होगा। अधिकांश मतदाता खुलकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। चुप रहे मतदाता किधर जाएंगे कहना मुश्किल है।

    पांच दलिए उम्मीदवार

    करगहर विधानसभा क्षेत्र से पांच मुख्य दलीय उम्मीदवार हैं। जिसमें जन सुराज पार्टी से रितेश रंजन पांडेय, जदयू वशिष्ठ सिंह, कांग्रेस से संतोष कुमार मिश्रा, बसपा से उदय प्रताप सिंह एवं सीपीआईएमएल से महेंद्र प्रसाद गुप्ता शामिल हैं। आवेदन स्कूटनी के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि चुनावी समर में कौन-कौन लोग हैं।



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