Report Card: करगहर विधानसभा क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की कमी, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण से परेशान हैं लोग
Kargahar assembly में बुनियादी सुविधाओं की कमी है जैसे खेल के मैदान और पार्क। बाजार में जाम की समस्या है और बस स्टैंड नहीं है। ग्रामीण सड़कों की हालत खराब है और भ्रष्टाचार चरम पर है। रोजगार के अभाव में युवा दूसरे राज्यों में जा रहे हैं। लोगों का रुझान निजी स्कूलों की ओर अधिक है।
सुरेन्द्र तिवारी, करगहर (रोहतास)। करगहर विधानसभा क्षेत्र के प्रखंड मुख्यालय की दुर्दशा ज्यों की त्यों बनी हुई है। बच्चों को खेलने के लिए सुव्यवस्थित स्टेडियम तथा बड़े बुजुर्ग को टहलने के लिए पार्क तक नहीं है। बाजार में प्रतिदिन घंटों देर तक जाम लगा रहता है। बस एवं टेम्पो स्टैंड आज तक नहीं बन सका। सब्जी मंडी को स्थाई रूप से प्रशासन द्वारा जगह उपलब्ध नहीं कराया गया।
ग्रामीण क्षेत्र की कई सड़कों में कालीकरण का काम चल रहा है। कुछ सड़कों की स्थिति दयनीय है। भ्रष्टाचार चरम पर है। कार्यालयों में बिना पैसे का काम नहीं होता है। अधिकांश गांवों में शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है। कोचस में एनएच की आधी सड़क को अतिक्रमण कर बाजार लगाया जाता है।
कोचस, परसथुआ, करगहर, बड़हरी, खड़ारी, बभनी व शिवसागर में अतिक्रमण से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रोजगार न मिलने के कारण हजारों की संख्या में यहां के युवक अन्य प्रदेशों में रोजगार के लिए जाते हैं।
दूसरी ओर बैंक के नकारात्मक रवैये से युवाओं को रोजगार के लिए ऋण नहीं मिल पा रहा है। विद्यालयों में पर्याप्त कमरे, शिक्षक व अन्य सुविधाएं प्रदान की गई हैं, लेकिन आम जनता की सोच पूर्ववत बनी हुई है।
बीपीएससी शिक्षकों की बहाली के बावजूद लोगों की मानसिकता यही बनी हुई है कि सरकारी विद्यालय में पढ़ाई नहीं होती है। लोगों में बच्चों की निजी विद्यालयों में दाखिला के प्रति आकर्षण पूर्ववत है।
कहते हैं कि अगर सरकारी विद्यालयों में अच्छी पढ़ाई हो रही है, तो मंत्री, विधायक, पदाधिकारी एवं अन्य सरकारी कर्मचारी अपने बच्चों को सरकारी विद्यालयों में दाखिला क्यों नहीं कराते। यहां तक कि जो शिक्षक पढ़ाते हैं, वह भी अपने बच्चों को सरकारी विद्यालयों में नहीं पढ़ा रहे हैं।
2008 में अस्तित्व में आया
करगहर विधानसभा को 2008 में परिसीमन के बाद अलग विधानसभा क्षेत्र का दर्जा मिला। 2010 में पहली बार यहां चुनाव हुआ। राजनीतिक परिदृश्य की बात करें तो, पिछले तीन चुनावों में दो बार 2010 व 2015 में यहां जदयू के रामधनी सिंह व वशिष्ठ सिंह ने 13197 व 12907 मतों से जीत दर्ज की थी। 2020 में कांग्रेस के संतोष कुमार मिश्र ने इस सीट को 4083 के मामूली अंतर से जदयू से झटक लिया।
2020 विधानसभा चुनाव
2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के संतोष कुमार मिश्र ने जदयू के वशिष्ठ सिंह को 4,083 वोटों के अंतर से हराया था। संतोष कुमार मिश्र को कुल 59,763 व वशिष्ठ सिंह को 55,680 वोट मिले थे। कुल 3,24,401 मतदाताओं में से 1,92,844 मतदाताओं ने वोट डाले थे, जिसमें से 1,91,680 वोट वैध माने गए थे।
गत चार वर्षों में हुए हैं ये काम
गत चार वर्षों में 445 करोड़ रुपये की लागत से 106 पुरानी एवं नई सड़कों का सुदृढ़ीकरण एवं चौड़ीकरण की स्वीकृति के बाद टेंडर हो चुका है। 40 करोड़ रुपये की लागत से 25 किलोमीटर करगहर राजवाहा का सुदृढ़ीकरण पथ के साथ स्वीकृति मिल चुकी है। चिलबिली में दो बड़े पुलों सहित छह पुलों का टेंडर हो चुका है। 68 करोड़ की लागत से 12.25 किलोमीटर का कोचस बाइपास, कोचस नगर पंचायत में 97 लाख 44 लाख एवं 28 लाख की लागत से तीन बड़ी नाली एवं गली निर्माण की योजना बीयूआइडीसीओ से कराई गई है।
सरकार में नहीं रहने के बावजूद भी गत पांच वर्षों में मेरे प्रयास से बहुत कार्य हुए हैं। सड़क, पुल-पुलिया, सैकड़ों मरीजों का इलाज, कोचस बाइपास का निर्माण, नाली-गली का निर्माण सहित कई कार्य कराए गए हैं। सत्ताधारी दल के कुछ लोग मेरे द्वारा की गई मांग में बाधा पहुंचा रहे हैं। -संतोष कुमार मिश्र, विधायक
अपने समय में विधायक रहते जितना काम किया उतना आज तक किसी ने भी नहीं किया। प्रखंड में इंजीनियरिंग कॉलेज के अलावा गांव-गांव में सड़कों का जाल बिछाया। यह मैं नहीं कहता बल्कि ग्रामीण कहते हैं। विगत पांच वर्षों में जितना काम होना चाहिए उतना विधायक द्वारा नहीं कराया गया है। बड़े-बड़े काम मेरे प्रयास से सरकार द्वारा कराए गए हैं। -वशिष्ठ सिंह, पूर्व विधायक व प्रतिद्वंद्वी
सरकार में नहीं रहने के बावजूद विधायक ने क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है। सड़क, पुल-पुलिया सहित कई कार्य संतोषजनक हुए हैं। -मुन्ना पांडेय, करगहर
करगहर विधानसभा क्षेत्र बनने के बाद तीन विधायक बने लेकिन किसी ने करगहर बाजार पर ध्यान नहीं दिया। प्रखंड मुख्यालय में एकमात्र स्टेडियम जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़ा हुआ है। बच्चों को खेलने-कूदने के लिए कोई जगह नहीं है। -गौरी शंकर गुप्ता, करगहर
करगहर बाजार में जाम की समस्या से प्रतिदिन परेशान लोग रहते हैं। यहां बस स्टैंड, टेम्पो स्टैंड एवं सब्जी बाजार के लिए स्थाई व्यवस्था नहीं की गई। जितना हो सका है विधायक ने अच्छा ही काम किया है। -राजन पासवान, सहुआड़
गांव के पश्चिम सड़क के लिए विधायक से कई बार गुहार लगाई गई लेकिन आज तक वह समय नहीं बन सका। विधायक के कार्यों से हम खुश नहीं हैं। -सुधीर चौबे, बहुआरा
विधानसभा एक नजर में
विवरण | मान |
---|---|
बूथ संख्या | 420 |
कुल मतदाता | 3,13,707 |
पुरुष | 1,68,018 |
महिला | 1,47,677 |
थर्ड जेंडर | 12 |
पंचायतों की संख्या | 40 |
करगहर प्रखंड | 20 |
कोचस प्रखंड | 15 |
शिवसागर प्रखंड | 5 |
कब कौन बने विधायक
2008 में काराकाट विधानसभा का गठन हुआ।
2010 - रामधनी सिंह - जनता दल यूनाइटेड
2015 - वशिष्ठ सिंह - जनता दल यूनाइटेड
2020 - संतोष कुमार मिश्र - इंडियन नेशनल कांग्रेस
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