व्यवसायिक वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाना अनिवार्य
सड़क हादसों को नियंत्रित करने के लिए और दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करने के लिए सरकार के स्तर से कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। जिसमें सड़कों को दुरुस्त करने और ब्लैक स्पाट चिन्हित करने के साथ ही वाहन चालकों को भी नियमों के प्रति जवाबदेह बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है। दुर्घटनाओं के पीछे एक बड़ी वजह वाहनों को बेलगाम रफ्तार से चलाना है।

सासाराम (रोहतास) । सड़क हादसों को नियंत्रित करने के लिए और दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करने के लिए सरकार के स्तर से कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। जिसमें सड़कों को दुरुस्त करने और ब्लैक स्पाट चिन्हित करने के साथ ही वाहन चालकों को भी नियमों के प्रति जवाबदेह बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है। दुर्घटनाओं के पीछे एक बड़ी वजह वाहनों को बेलगाम रफ्तार से चलाना है। आबादी वाले इलाकों में भी वाहन चालक गति पर नियंत्रण नहीं रखते हैं, इस पर लगाम लगाने के लिए वाहनों में स्पीड गवर्नर की जांच करने का निर्देश जारी किया गया है। तेज रफ्तार से सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों पर लगाम कसने के लिए परिवहन विभाग ने व्यवसायिक वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाने को अनिवार्य कर दिया है। अब इसके बिना विभाग द्वारा वाहनों को अनफिट माना जाएगा। परिवहन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि स्पीड गवर्नर लगने से सभी वाहनों की गति नियंत्रित होगी, साथ ही जिले में हो रही दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। बेलगाम दौड़ रहे व्यवसायिक वाहनों से हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार ने विगत फरवरी माह से ही थ्री व्हीलर, फोर व्हीलर, बस सहित सभी व्यवसायिक वाहनों में स्पीड गवर्नर लगवाने के निर्देश जारी किए हैं। राज्य के परिवहन सचिव ने सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों को पत्र जारी भी किया गया है। जारी किए गए पत्र में जिन वाहनों में स्पीड गवर्नर नहीं लगे हैं उन्हें यह लगवाना अनिवार्य होगा। इसके बिना विभाग द्वारा उसे अनफिट माना जाएगा। विभाग के अनुसार जिले में करीब 10 हजार से अधिक व्यवसायिक वाहन हैं, जिनके वाहन चालक विभाग के नियमों की पालन नहीं करते और तेज रफ्तार में वाहन चलाते हैं। ऐसे वाहनों की गति पर लगाम लगाने के लिए परिवहन विभाग की ओर से वाहनों में स्पीड गवर्नर लगवाना अनिवार्य किया गया है।
स्पीड गवर्नर के साथ छेड़छाड़ करने पर निरस्त होगा फिटनेस प्रमाण पत्र :
फिटनेस के दौरान स्पीड गवर्नर लगाने के बाद उसके साथ छेड़छाड़ करने पर विभाग का फिटनेस प्रमाण पत्र भी निरस्त कर दिया जाएगा। वाहन मालिक द्वारा फिटनेस के दौरान वाहनों में स्पीड गवर्नर लगवाने के बाद विड स्क्रीन पर वाहन की गति, क्यू आर कोड का वेदर प्रूफ स्टीकर लगाना होगा। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल के अनुसार व्यावसायिक वाहनों में स्पीड गवर्नर होना अनिवार्य है।
एमवीआइ राकेश रंजन के अनुसार वाहन की गति को नियंत्रित करने के लिए स्पीड गवर्नर का उपयोग किया जाता है। इस डिवाइस को वाहन के इंजन के साथ लगाया जाता है। इसे लगाने के बाद वाहन की गति सीमित हो जाती है और तय गति से ज्यादा रफ्तार में वाहन नहीं चलाया जा सकता है। सभी व्यवसायिक वाहनों में स्पीड गवर्नर लगवाना अनिवार्य है। सड़क हादसों को कम करने के लिए अब हाइवे पर भी जांच अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान नियमों का पालन नहीं करने वालों से भारी जुर्माना लेने के साथ ही उनका वाहन भी जब्त किया जा रहा है। वैसे व्यवसायिक वाहन जिसमें स्पीड गवर्नर लगे हुए नहीं पाए जाएंगे, उन वाहन को अनफिट माना जाएगा। इसमें एम्बुलेंस, पुलिस व फायरबिग्रेड के वाहनों को छूट दी गई है। एमवीआइ के अनुसार बाइक चलाने के दौरान हेलमेट, इंश्योरेंस व प्रदूषण के कागजात नहीं होने पर भी कार्रवाई की जाएगी। चार पहिया व अन्य बड़े वाहनों में अगली सीट के सवार के लिए सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।
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