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    इंद्रपुरी बराज से खरीफ फसलों की सिंचाई बंद, रबी को 25 दिसंबर से पानी

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 04:04 PM (IST)

    इंद्रपुरी बराज से खरीफ फसलों के लिए पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई है। रबी फसलों की सिंचाई के लिए 25 दिसंबर से पानी छोड़ा जाएगा। इस फैसले से किसानों को खरीफ फसलों की सिंचाई में अब पानी नहीं मिलेगा, लेकिन रबी फसलों के लिए उन्हें 25 दिसंबर से पानी उपलब्ध होगा।

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    इंद्रपुरी बराज से खरीफ फसलों की पानी आपूर्ति बंद

    संवाद सहयोगी, डेहरी आन सोन। इंद्रपुरी बराज से खरीफ फसलों के लिए शुक्रवार से चारों जिलों रोहतास, भोजपुर, बक्सर, कैमूर जिलों के नहरों में पानी की आपूर्ति बंद कर दी जाएगी। 25 दिसंबर से रबी फसलों के लिए पानी की आपूर्ति की जाएगी l नहरों के बंद होने के बाद पश्चिमी संयोजक नहर के आधुनिकीकरण का कार्य प्रारंभ हो जाएगी l

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    जल संसाधन विभाग के मॉनिटरिंग सेल  के कार्यपालक अभियंता भारती रानी के अनुसार विभागीय आदेशानुसार खरीफ फसलों की अंतिम पटवन के बाद सोन नहरों से इस वर्ष लगभग शत प्रतिशत पटवन हुआ है l 

    उन्होंने कहा कि  खरीफ फसलों के लिए 1 जून से पानी की आपूर्ति नहरों में की जा रही थी। इस वर्ष मध्य प्रदेश के बाणसागर व उत्तर प्रदेश के रिहन्द जलाशय से किसानों की जरूरत के अनुसार नहरो में आपूर्ति को पर्याप्त पानी प्राप्त हुआ है l

    खरीफ फसलों के चार लाख 53 हजार 105 हेक्टेयर भूमि में  सिंचाई

    उन्होंने बताया कि इस वर्ष खरीफ फसलों के चार लाख 53 हजार 105 हेक्टेयर भूमि में  सिंचाई  का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिसमें चार लाख 45 हजार 79 हेक्टेयर में सिंचाई की गई।

    उन्होंने कहा कि नहरों के बंद होने के बाद भी रिहन्द जलाशय  के जल विद्युत केंद्र के लगातार चलने से बराज पर प्रतिदिन चार से पांच हजार क्यूसेक पानी पहुंचेगा ।जिसे सोन नदी में छोड़ा जायेगा l

    10 लाख एकड़ फीट पानी सुरक्षित

    उन्होंने बताया कि रबी फसलों के लिए इस वर्ष पानी की कमी नहीं होंगीl मध्य प्रदेश के बाणसागर जलाशय से  केंद्रीय जल आयोग से सोन नदी के लिए निर्धारित 10 लाख एकड़ फीट पानी सुरक्षित है। जिसे जरूरत पड़ने पर रबी फसलों के लिए मांग किया जाएगा।

     उन्होंने बताया कि नहरो  के बंद होने के बाद डेहरी से चितौली तक 32.50 किमी पश्चिमी मुख नहर के आधुनिकीकरण का कार्य प्रारम्भ हो जायेगाl 683 करोड़ की लागत से आधुनिकीकरण के टेंडर की प्रक्रिया पुरी हो गई हैlसाथ ही नहरों के अंतिम छोड़ तक पानी आपूर्ति सुनिश्चित करने को ले जगह जगह गेटो की मरम्मत का कार्य भी होगा।