जल संसाधन विभाग की जमीन की हो रही खरीद बिक्री, झोपड़ी बनाकर करते हैं अवैध कब्जा
रोहतास के डेहरी आन-सोन में जल संसाधन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जों का बोलबाला है। मंदिर और झोपड़ियों की आड़ में अतिक्रमण हो रहा है और जमीन की अवैध खरीद-बिक्री भी जारी है। विभाग के अनुसार 1411 लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है जिससे जल निकासी और बाढ़ प्रबंधन में दिक्कतें आ रही हैं। मुख्यालय के आदेश के बावजूद कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।

संवाद सहयोगी, डेहरी आन-सोन (रोहतास)। डेहरी में जल संसाधन विभाग की भूमि को ले माल महाराज के मिर्जा खेले होली वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। कहीं मंदिर की आड़ में तो कहीं झोपड़ी बना अतिक्रमण का खेल जारी है।
खेती के नाम पर भूमि बंदोबस्त करा लोग व्यावसायिक उपयोग में ला रहे हैं। जमीन की अवैध तरीके से खरीद बिक्री होने की भी चर्चा हैं। जल संसाधन विभाग के अनुसार 1411 लोगों ने भूमि व विभागीय आवास पर भी अवैध कब्जा कर रखा है।
इस भूमि पर जारी है अतिक्रमण
ऐतिहासिक झारखंडी मंदिर के आसपास विभाग की भूमि पर अवैध झोपड़िया बना लोग भाड़े पर देकर हजारों रुपए कमा रहे हैंं। शादी विवाह के मौसम में इनकी चांदी रहती है। वहीं पार्क के पास विभाग के एवोंडेड हो चुके भवन पर भी लोग कब्जा जमाए हुए हैं।
जबकि उनका मकान शहर में भी हैं। बालगोविंद, बिगहा और आंबेडकरनगर में सिंचाई विभाग की जमीन की अवैध रूप से खरीद बिक्री भी हो रही हैं। तारबंगला पुल के पास मंदिर निर्माण की आड़ में आवासीय परिसर विकसित हो रहा हैं। आंबेडकर चौक से लेकर मथुरापुर ग्रिड तक मुख्य नहर के दोनों ओर पक्के मकान बन गए हैं।
कितनी है जल संसाधन विभाग की भूमि
नगर परिषद डेहरी डालमियानगर क्षेत्र में जल संसाधन विभाग की 1400 एकड़ से अधिक भूमि है। विभागीय भूमि पर बीएमपी दो पुलिस लाइन अब बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस दो पुलिस लाइन, डीआईजी कार्यालय, एसपी कार्यालय व आवास, औद्योगिक क्षेत्र, सुधा डेयरी, अनुमंडल कार्यालय व अनुमंडल व्यवहार न्यायालय, महिला कॉलेज, राजकीय आईटीआई के अलावा विभागीय मुख्य अभियंता, यांत्रिक कर्मशाला व आवासीय परिसर भी अवस्थित है। विभागीय भूमि पर अतिक्रमण से कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जल निस्सरण व बाढ़ प्रबंधन में भी परेशानी हो रही है।
आदेश का नहीं हुआ अनुपालन
जल संसाधन विभाग मुख्यालय पटना द्वारा विभागीय भूमि पर अवैध कब्जा जमाए लोगों की सूची तैयार कर उन पर संबंधित थानों में प्राथमिकी करने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए विभाग के कार्यपालक अभियंता को नोडल अधिकारी बनाया गया हैl
मुख्यालय ने बिहार सिंचाई अधिनियम व बिहार सिंचाई बाढ प्रबंधन एवं जल निस्सरण नियमावली में किए गए प्रावधान के तहत जल संसाधन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण करने वालों पर प्राथमिकी कराने का निर्देश छह माह पूर्व ही दिया था, परंतु अब तक एक भी प्राथमिकी नहीं की गई।
मुख्यालय के आदेशानुसार रोहतास, कैमूर, बक्सर व भोजपुर जिले में तैनात कार्यपालक अभियंता को विभागीय भूमि पर अतिक्रमणकारियों की सूची के अनुसार संबंधित थानों में प्राथमिकी करने का निर्देश दिया गया है। कार्यपालक अभियंताओं से मुख्यालय के आदेश के अनुपालन रिपोर्ट तलब की गई हैl अनुपालन में लापरवाह कार्यपालक अभियंता पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। विभागीय भूमि पर अतिक्रमण से कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जल निस्सरण व बाढ़ प्रबंधन में भी कठिनाइयां हो रही है।- अजय कुमार सिंह, मुख्य अभियंता, जल संसाधन विभाग- डेहरी आन-सोन
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