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    रोहतास-कैमूर के किसानों की उम्मीदें अधूरी, गोरेया नदी चेकडैम प्रोजेक्ट वर्षों से लंबित, 72 गांवों के किसान परेशान

    Updated: Sat, 18 Oct 2025 01:54 PM (IST)

    रोहतास और कैमूर के 72 गांवों के किसान गोरेया नदी चेकडैम परियोजना के वर्षों से लंबित होने के कारण परेशान हैं। सिंचाई की उम्मीद अधूरी है, जिससे खेती में मुश्किलें आ रही हैं। किसान परियोजना को जल्द पूरा करने की मांग कर रहे हैं, ताकि पानी की समस्या दूर हो सके और फसलें अच्छी हों। अधिकारियों ने जल्द समाधान का आश्वासन दिया है।

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    नहीं बुझी 72 गावों की खेतों की प्यास

    मुन्ना पाण्डेय, परसथुआ (रोहतास)। रोहतास व कैमूर जिले के सीमावर्ती इलाकों के किसानों के लिए वरदान साबित होने वाली गोरेया नदी पर चैकडैम बनाने का काम वर्षों से लंबित पड़ा है।इससे दोनों जिले के छह दर्जन से अधिक गांव के खेतों की प्यास अभी तक नहीं बुझ सकी है। 

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    पिछले कई सालों से इस नदी पर चेकडैम बनाने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया है।लेकिन,आज तक इस प्रोजेक्ट को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका।इसके कारण प्रत्येक वर्ष रोहतास व कैमूर के लगभग 72 गांवों के किसान पटवन से वंचित रह जाते हैं।

    इससे कथराई राजवाहा,सलथुआ राजवाहा व रघुनाथपुर राजवाहा से जुड़े अंतिम छोर के छह दर्जन गांव के किसान अपने खेतों की सिंचाई ठीक से नहीं कर पाते हैं।

    चेक डैम निर्माण के लिए किसानों ने स्थानीय स्तर पर 2021 में बनाई थी कमेटी

    प्राप्त जानकारी के अनुसार, कपसियां पंचायत के सोहवलिया व अठवलिया गांव के बीच गोरेया नदी पर चैकडैम बनाने को लेकर वर्ष 2021 में स्थानीय किसानों ने बैठक कर एक कमिटी का निर्माण की थी।इसमें कोचस पश्चिमी के जिला पार्षद विनय पाल की अध्यक्षता में 11 सदस्य बनाये गये थे। 

    बैठक में सर्वसम्मति से जिला पार्षद विनय पाल को अध्यक्ष,परसथुआं के राजा यादव को उपाध्यक्ष,सेलास के शशिकांत राय को सचिव, सामाजिक कार्यकर्ता जयशंकर प्रसाद को उपसचिव और विजय बहादुर को कमिटी का संयोजक बनाया गया था।

    कमेटी ने इस प्रोजेक्ट का पूरा खाका बरहूति गांव निवासी सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त अभियंता विजय बहादुर सिंह व कथराई के सेवानिवृत्त अभियंता जगन्नाथ सिंह की देखरेख में तैयार की गयी थी।इसके बाद इस प्रोजेक्ट का पूरा खाका सरकार के पास भेजा गया था।

    सरकार से इस प्रोजेक्ट में तेजी लाने का दबाव बनाने के उद्देश्य से इसकी एक-एक कॉपी सांसद और विधायक व पूर्व विधायक को भी दी गयी थी। इस चेकडैम के निर्माण से कोचस प्रखंड के कपसियां,कथराई व चितैनी पंचायत के सभी गांव,करगहर प्रखंड के बकसड़ा व सिवन पंचायत और कैमूर जिले के सिसवार, सलथुआं, ससना आदि पंचायत के लगभग 72 गांव के किसान लाभान्वित होंगे।

    वर्ष 2022 में पटना से आई थी जांच टीम

    सामाजिक कार्यकर्ता जयशंकर प्रसाद की मानें तो, इस चेकडैम को अमलीजामा पहनाने को लेकर पिछले 20 मार्च 2022 को सिंचाई विभाग के कनीय अभियंता इंजीनियर राकेश पाण्डेय के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम मौके पर पहुंची थी,जो निर्माण स्थल के साथ-साथ अन्य बिंदुओं पर गहन पड़ताल कर वापस लौट गयी।इस दौरान टीम ने शीघ्र ही इसकी जांच रिपोर्ट विभाग को सौंपने की बात कही थी।

    लेकिन,सिंचाई विभाग,सांसद और स्थानीय विधायक के उदासीनता के कारण अब तक इस नदी पर चेकडैम का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है।इससे संबंधित किसानों में काफी नाराजगी है।

    किसान सुरेंद्र सिंह ने कहा कि जनप्रतिनिधियों एवं विभाग के उदासीनता के कारण आजतक इस प्रोजेक्ट को अमली जमा नहीं पहनाया गया जो किसानों के हित में है। वहीं मनोज कुमार पाल गोरेया नदी पर चैकडैम बन जाने से रोहतास एवं कैमूर के 72 गांव के किसान सीधे लाभान्वित होंगे। 

    किसान राजेश सिंह ने कहा कि  सलथुआ राजवाहा, कथराई राजवाहा एवं रघुनाथपुर राजवाहा के पानी अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पाती है जिसे किसानों को काफी दिक्कत होती है। अगर यह चैकडैम बन जाता है तो अंतिम छोर के किसानों को भी खेतों के लिए पानी मिल सकता है।